‘मीटू' मामला:  रमानी का आरोप-  अकबर जानबूझकर उनके आलेख का निकाल रहे गलत मतलब

Edited By vasudha,Updated: 11 Dec, 2020 10:45 AM

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पत्रकार प्रिया रमानी ने दिल्ली की एक अदालत से कहा कि उन्होंने कथित यौन उत्पीड़न घटना के बारे में जो आलेख लिखा था, उसका जानबूझकर और शरारतपूर्ण तरीके से गलत मतलब निकाला गया। अदालत पूर्व केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर द्वारा रमानी के खिलाफ दायर आपराधिक...

नेशनल डेस्क:   पत्रकार प्रिया रमानी ने दिल्ली की एक अदालत से कहा कि उन्होंने कथित यौन उत्पीड़न घटना के बारे में जो आलेख लिखा था, उसका जानबूझकर और शरारतपूर्ण तरीके से गलत मतलब निकाला गया। अदालत पूर्व केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर द्वारा रमानी के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि की एक शिकायत पर सुनवाई कर रही है। रमानी ने मामले की अंतिम सुनवाई के दौरान अपनी अधिवक्ता रेबेका जॉन के मार्फत यह (आलेख के बारे में) कहा। 

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रमानी ने  अकबर पर लगाया  यौन उत्पीड़न का आरोप 
रमानी का आरोप है कि अकबर ने करीब 20 साल पहले उनका यौन उत्पीड़न किया था, जब वह पत्रकार थी। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने अकबर के खिलाफ सोशल मीडिया पर 2018 में ‘मीटू' मुहिम के मद्देनजर लगाए गए आरोपों के बारे में सच्चाई  बयां की है। उनकी मंशा जनहित से जुड़ी है और यह अपमानजनक नहीं है। अकबर ने रमानी द्वारा कथित मानहानि किए जाने को लेकर उनके खिलाफ यह शिकायत (आपराधिक मानहानि की) दायर की थी। बहरहाल, अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 14 दिसंबर के लिए निर्धारित कर दी। जॉन ने कहा कि पत्रिका में प्रकाशित आलेख के सिर्फ शुरू के चार पैराग्राफ अकबर के बारे में थे और शेष पैराग्राफ अन्य पुरूष बॉस के बारे में थे। 

 

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अकबर पर कई महिलाओं ने लगाए आरोप 
जॉन ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार पांडे से कहा कि अकबर आलेख का गलत मतलब निकाल कर अनावश्यक विवाद पैदा कर रहे हैं, जबकि आलेख में इस तरह की चीज नहीं लिखी गई थी। वोग पत्रिका के आलेख का जानबूझ कर और शरारतपूर्ण तरीके से गलत मतलब निकाला गया है। रमानी ने इससे जुड़े संदर्भ के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा है कि शुरू के सिर्फ चार पैराग्राफ अकबर से संबद्ध हैं और न कि पूरा आलेख। जॉन ने कहा कि रमानी एक मात्र ऐसी महिला नहीं हैं जिन्होंने अकबर के खिलाफ अपनी दर्दनाक कहानी बयां की है। 

 

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 अकबर ने रमानी के  खिलाफ दायर की थी शिकायत 
वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि रमानी उस वक्त सिर्फ 23 साल की थीं जब यह घटना हुई थी और इतनी कम उम्र की होने के कारण उन्हें नहीं पता था कि ना कैसे कहना है। रमानी के ट्वीट को उस वक्त के सभी अन्य ट्वीट और खबरों से अलग-थलग नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न जनहित का विषय है। इसे महिला के मूल अधिकार के हनन के तौर पर देखा जाना चाहिए। जॉन ने कहा कि कम से कम 15-16 महिलाओं ने अकबर के खिलाफ ट्वीट किया था। अकबर के खुद के मुताबिक वह अपने से 20 साल छोटी एक जूनियर के साथ रिलेशनशिप में थे...यह कोई अच्छी छवि नहीं है। '' अकबर ने रमानी के खिलाफ 15 अक्टूबर 2018 को शिकायत दायर की थी। उन्होंने 17 अक्टूबर 2018 को केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। 

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