मेघालय ने पेश की मिसाल, जल नीति बनाने वाला पहला राज्य बना

Edited By Yaspal,Updated: 13 Jul, 2019 08:31 PM

meghalaya has become the first state to formulate water policy

जल नीति बनाने वाला मेघालय देश का पहला राज्य बन गया है। राज्य के डिप्टी सीएम प्रिस्टोन तिनसॉन्ग ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा, “इस नीति का मकसद सामुदायिक भागीदारी के साथ-साथ सतत विकास और जल संसाधनों...

नेशनल डेस्कः जल नीति बनाने वाला मेघालय देश का पहला राज्य बन गया है। राज्य के डिप्टी सीएम प्रिस्टोन तिनसॉन्ग ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा, “इस नीति का मकसद सामुदायिक भागीदारी के साथ-साथ सतत विकास और जल संसाधनों का इस्तेमाल करना है। नदी प्रदूषण और जलग्रहम क्षेत्रों के सरंक्षम जैसे मुद्दों को भी इसमें रेखांकित किया गया है। यह फैसला ऐसे समय पर लिया गया है, जब देश के कई हिस्से बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। शुक्रवार को मेघालय कैबिनेट ने इस ड्रॉफ्ट को मंजूरी दी थी।

उपमुख्यमंत्री तिनसॉन्ग ने कहा कि इस नीति से स्वास्थ्य और अजीविका में सुधार होगा और लोगों में भेदभाव नहीं होगा। यह एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन और पर्यावरणीय स्थिरता के जरिए वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के लिए सुशासन भी सुनिश्चित करेगा।

उन्होंने आगे कहा, 'इस नीति में जलग्रहण क्षेत्रों के संरक्षण और नदी प्रदूषण जैसे मुद्दों को भी रेखांकित किया गया है। हम सामुदायिक भागीदारी हासिल करना चाह रहे हैं ताकि इस नीति के जरिए गांवों तक भी पहुंचा जा सके।' तिनसॉन्ग ने कहा, गांव के स्तर पर समितियां बनाई जाएंगी और ग्राउंड वाटर के मुद्दे से इस नीति के जरिए निपटा जाएगा। इसके अलावा विभाग भी पानी की गुणवत्ता को चेक करेगा कि क्या उसमें ज्यादा लोहे के कण हैं या फिर पानी एसिडिक है। सरकार जल्द ही पॉलिसी को नोटिफाई करेगी।

 

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