Edited By Monika Jamwal,Updated: 11 Mar, 2019 01:37 PM
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि टेरर फंडिंग केस में हुरियत कांफ्रैंस (एम) प्रमुख और धार्मिक नेता मीरवायज उमर फारूक को एन.आई.ए. का समन कश्मीरियों की धार्मिक पहचान पर सरकार के बार-बार हमले का प्रतीक है।
श्रीनगर : पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि टेरर फंडिंग केस में हुरियत कांफ्रैंस (एम) प्रमुख और धार्मिक नेता मीरवायज उमर फारूक को एन.आई.ए. का समन कश्मीरियों की धार्मिक पहचान पर सरकार के बार-बार हमले का प्रतीक है। महबूबा ने अपने ट्वीट के जरिए केंद्रीय सरकार को इस समन के लिए जिम्मेदार बताया। एन.आई.ए. द्वारा नोटिस जारी किए जाने के बाद महबूबा ने ट्वीट किया कि मीरवायज फारूक कोई सामान्य अलगाववादी नेता नहीं हैं। वह कश्मीरी मुस्लिमों के धार्मिक और आध्यात्मिक प्रमुख हैं। एनआईए का उनको समन भेजना भारत सरकार के बार-बार हमारी धार्मिक पहचान पर हमले का प्रतीक है, लेकिन वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए जम्मू और कश्मीर को बलि का बकरा बनाया जा रहा है।
बता दें कि साल 2017 के टेरर फंडिंग केस में पूछताछ के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने शनिवार को अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारुक और हुर्रियत के प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी के बेटे नसीम गिलानी को समन भेजा था। दोनों को सोमवार के दिन एजेंसी के दिल्ली स्थित मुख्यालय में पूछताछ के लिए आने के निर्देश दिए गए थे।