Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Sep, 2017 12:20 PM
भारत में आईटी और बीपीओ सेक्टर में काम करने वाले ...
नई दिल्ली :भारत में आईटी और बीपीओ सेक्टर में काम करने वाले कर्मियों को बड़ा झटका लग सकता है। अमेरिका की एक रिसर्च फर्म HSF में यह खुलासा हुआ है कि 2022 तक 7 लाख कर्मियों की नौकरी जाने की बात कही गई है। इसी अवधि में मध्यम और उच्च कौशल रखने वालों के लिए नौकरी के अवसर बढ़ेंगे। स्वचालन और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का उपयोग बढ़ने से भारत के सूचना प्रौद्योगिकी और बीपीओ उद्योग में कम कुशलता वाले कर्मियों की संख्या 2016 में घटकर 24 लाख रह गई है जो 2022 में मात्र 17 लाख रह जाएगी। रिपोर्ट के अनुसार मीडियम और हाई स्किल नौकरियों में इस अवधि के दौरान बढ़ोतरी होगी। हालांकि यह पीएम नरेंद्र मोदी के लिए बुरी खबर है। यह सिर्फ ऑटोमेटिक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कारण ये सब देखने को मिल रहा है। देश में मीडियम स्किल्ड लोगों के लिए नौकरियां 9 लाख से बढ़कर 10 लाख हो सकती हैं।
नौकरियों की संख्या में 31% गिरावट की संभावना
गौरतलब है कि 2016 में 3,20,000 हाई स्किल्ड लोगों के लिए नौकरियां थीं जो 2022 तक 5,10,000 तक पहुचं जाएंगी। भारत में यह ट्रैंड वैश्विक परिदृश्य को दर्शाता है, क्योंकि वैश्विक स्तर पर कम कुशलता वाली नौकरियों की संख्या में 31% गिरावट की संभावना है जबकि मध्यम कुशलता वाली नौकरियों में 13% वृद्धि और उच्च कुशलता वाली नौकरियों में 57% वृद्धि की उम्मीद है। भारत के आईटी और बीपीओ सेक्टर में 4,50,000 नौकरियों का नुकसान होने की सभावना है। दरअसल, 2016 में इस सेक्टर में 36.5 लाख लोग काम करते थे जिनकी संख्या 2022 में घटकर 32 लाख पर पहुंच सकती है। रिपोर्ट में यह कहा कि इस ऑटोमेटिक की वजह से पूरी दुनिया के आईटी और बीपीओ सेक्टर में नौकरियों में 7.5% गिरावट होगी। अगर ऐसा हुअा तो भारत के साथ-साथ इसका सीधा असर अमेरिका और ब्रिटेन पर भी होगा। रिपोर्ट में कहा है कि कंपनियां अभी अपने सर्विस कॉन्ट्रैक्ट पर रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन से पड़ने वाले असर का पता लगा रही हैं।