Edited By Yaspal,Updated: 04 Jul, 2020 09:42 PM
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि 8,250 करोड़ रुपये का चंबल एक्सप्रेसवे मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के दूरदराज के इलाकों के गरीबों और आदिवासियों के लिए पासा पलटने वाला साबित हो सकता है। गडकरी ने शनिवार को इन...
नई दिल्लीः केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि 8,250 करोड़ रुपये का चंबल एक्सप्रेसवे मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के दूरदराज के इलाकों के गरीबों और आदिवासियों के लिए पासा पलटने वाला साबित हो सकता है। गडकरी ने शनिवार को इन राज्यों से कहा कि वे इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण, पर्यावरण मंजूरी और कर राहत के कार्यों में तेजी लाएं। यह परियोजना स्वर्ण चतुर्भुज दिल्ली-कोलकाता गलियारे, उत्तर-दक्षिण गलियारे, पूर्व-पश्चिम गलियारे तथा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से संपर्क उपलब्ध कराएगी।
गडकरी ने कहा कि प्रस्तावित एक्सप्रेसवे दूरदराज के आदिवासियों और गरीबों के लिए पासा पलटने वाला साबित हो सकता है। विशेषरूप चंबल क्षेत्र के लिए जो देश के सबसे पिछड़े क्षेत्रों में आता है। इस परियोजना की समीक्षा करते हुए गडकरी ने कहा, ‘‘तीनों राज्यों के किसानों को इससे सबसे अधिक फायदा होगा। वे अपने उत्पाद दिल्ली और मुंबई के बाजारों में आसानी से भेज सकेंगे। इसके अलावा यह एक्सप्रेसवे मुरैना के सहरिया, श्योपुर और अन्य क्षेत्रों के आदिवासियों के जीवन में बड़ा बदलाव लाने वाली साबित होगी। मंत्री ने कहा कि प्रस्तावित एक्सप्रेसवे राज्यों और केंद्र के बीच संयुक्त रूप से बुनियादी ढांचे के विकास का नया मॉडल होगा।
करीब 404 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे कानपुर से कोटा तक मध्य प्रदेश के रास्ते वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध कराएगा और उसके बाद यह दिल्ली-मुंबई गलियारे से जुड़ेगा। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ परियोजना की समीक्षा करते हुए गडकरी ने परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण और पर्यावरण मंजूरी तथा रॉयल्टी और स्थानीय कर की छूट की प्रक्रिया को तेज करने पर जोर दिया, ताकि इसे तेजी से आगे बढ़ाया जा सके।