Edited By ,Updated: 10 Jan, 2017 02:10 PM
मां के लिए बच्चे से बढ़कर कुछ नहीं होता लेकिन ओडिशा में गरीबी के हाथों मजबूर एक मां को अपना नवजात शिशु महज 2000 रुपए में बेचना पड़ा।
ओडिशा : मां के लिए बच्चे से बढ़कर कुछ नहीं होता लेकिन ओडिशा में गरीबी के हाथों मजबूर एक मां को अपना नवजात शिशु महज 2000 रुपए में बेचना पड़ा। केंद्रपाड़ा जिले के भ्रामारादियापटना इलाके की गीता मुर्मु ने एक टेंट में इस बच्चे को जन्म दिया था। पति के छोड़े जाने के बाद गीता दिहाड़ी मजदूरी से गुजर बसर कर रही थी। इलाके के दूसरे मजदूरों की तरह नोटबंदी के बाद गीता को काम मिलने में दिक्कत हो रही थी, जबकि गर्भावस्था के दौरान उसका खर्च बढ़ गया था। अपनी 12 साल की बेटी और 5 साल के बेटे के भरण-पोषण के लिए उसके पास कोई दूसरा चारा नहीं था। लिहाजा गीता ने पड़ोसी ममता साहू से अपने बच्चे का सौदा 2 हजार रुपए में किया।
गीता के मुताबिक खराब माली हालत के चलते वो इस बच्चे को पाल नहीं सकती थी और घर खर्च के अलावा दूसरे बच्चों की पढ़ाई के लिए उसे पैसों के सख्त दरकार थी। ममता साहू ने बताया कि मेरी सिर्फ एक बेटी है। इसलिए मैंने गीता से पहले ही आश्वासन लिया था कि अगर वो लड़के को जन्म देती है तो मुझे सौंप देगी। इसके बदले में मैंने उसे मुंहमांगी रकम देने का वादा किया था।
हरकत में प्रशासन
खबर सामने आने के बाद जिला प्रशासन के अधिकारियों ने गीता से मुलाकात की है और इस सौदे को गैर-कानूनी करार दिया है। जिला कल्याण समिति के चेयरमैन शिशिर राउतराय ने बताया कि गीता का परिवार बेहद गरीब है। नवजात कुपोषण का शिकार है और उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। प्रशासन के दखल के बाद ममता साहू के परिवार ने बच्चे को लौटा दिया है।