Edited By Radhika,Updated: 02 Mar, 2024 11:26 AM
समाज से दुत्कारी गई दुष्कर्म पीड़िता के 5 के लिए एनकेएमसीएच धाय मां बन गया है। यहां के डॉक्टर से लेकर स्वास्थ्य कर्मी तक सभी उसके लालन पालन का जिम्मा उठा रहे हैं। अस्पताल की नर्स उसके लिए मां, डॉक्टर पिता और स्वास्थ्य कर्मी रिश्तेदार बन गए हैं।
नेशनल डेस्क: समाज से दुत्कारी गई दुष्कर्म पीड़िता के 5 के लिए एनकेएमसीएच धाय मां बन गया है। यहां के डॉक्टर से लेकर स्वास्थ्य कर्मी तक सभी उसके लालन पालन का जिम्मा उठा रहे हैं। अस्पताल की नर्स उसके लिए मां, डॉक्टर पिता और स्वास्थ्य कर्मी रिश्तेदार बन गए हैं।
बच्चे को कभी डॉक्टर कभी नसिंग स्टाफ गोद में लेकर पुचकारते-दुलारते रहते हैं। इतना ही नहीं अस्पताल प्रबंधक से लेकर गाई और वपरासी भी उस मासूम को गोद में लेने के लिए लालायित रहते हैं। एक पल भी बनने को अकेला नहीं छोड़ते है। सभी ने मिलकर उसका नाम सोनू रखा है।
मार्च में यह 6 माह का हो जाएगा। अगले महीने से उसे दूध के साथ फल भी दिया जाएगा। एसकेएमसीएन अधीक्षक ने अस्पताल प्रबंधक को इसका निर्देश दिया है। उन्होंने अस्पताल प्रबंधक से कहा है कि जीफिका दीदी की रसोई से बच्चे के लिए फरन मुहैया कराया जाए।
सब मिलकर उसके जीवन में नया सवेरा ले आए हैं। बच्चे को जन्म से मां का प्यार-दुलार नहीं मिला। लेकिन, शिशु विभाग के के चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों ने इसकी कमी नहीं होने दी। एनआईसीयू में उस बच्चे को अपनी संतान की तरह देखभाल करते हैं।
5 माह पहले गूंजी वी किलकारी
करीब 5 महीने पहले एसकेएमसीएच के लावारिस वाई में इस मासूम की किलकारी गूंजी थी। लावारिस पाई में भर्ती एक महिला ने कन्ये को जन्म दिया। बच्चे को एनआईसीयू में डॉक्टर को दिखाया गया। यह पूरी तरह स्वस्थ था। एनआईसीयू में रखा गया। उस महिला के लावारिस होने के कारण बच्चे को देखने वाला कोई नही था। इसके बाद डॉक्टर व कर्मियों ने इसका बीड़ा उठाया। बच्चे के लिए कपड़े के साथ उसे रखने के लिए पलना एक ला दिया। उसके लिए दूध का इंतजाम भी कर दिया। बीते साल अक्टूबर को अहियापुर थाना क्षेत्र के पटियासा में सड़क किनारे से लावारिस स्थिति में मिली महिला को एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया था।