सिपाही का छलका ‘दर्द’, क्या पुलिसवाला होना गुनाह है?

Edited By ,Updated: 27 Apr, 2016 06:37 PM

mp constable writes to cm seeking salary hike

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इस बार एक पुलिसवाले ने ही मदद की ‘गुहार’ लगाई है।

भोपाल: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इस बार एक पुलिसवाले ने ही मदद की ‘गुहार’ लगाई है। पुलिसकर्मियों की कम तनख्वाह को लेकर युवा आरक्षक का शिकायती लहजे में लिखा पत्र इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।

प्रदेश के बुरहानपुर जिले में तैनात सूरजसिंह चूंडावत (28) ने मुख्यमंत्री से गुहार की है कि पुलिसवालों की सैलरी बढ़ाकर इतनी कर दी जाए, जिससे वे कम से कम अपना परिवार पाल सकें। मुख्यमंत्री के नाम लिखे पत्र को 21 अप्रैल को फेसबुक पर पोस्ट किया था। सूरजसिंह ने पत्र के पहले पैराग्राफ में चौहान की तारीफ करते हुए लिखा है कि उन्होंने प्रदेश को समृद्ध और उन्नत बनाने के लिए काफी कुछ किया है। लेकिन, अगले ही पैराग्राफ में मुख्यमंत्री पर सवाल दागते हुए उसने लिखा, क्या पुलिस वाला होना कोई गुनाह है?

उसने आगे लिखा है कि हम सबसे कम सैलरी में सबसे ज्यादा काम करते हैं। हम घर-परिवार से दूर रहते हैं। आधे वक्त खाना नहीं खा पाते हैं। इतना सब होने के बावजूद बात जब पुलिस की सैलरी बढ़ाने की आती है, तो हमारे मध्यप्रदेश शासन के पास पर्याप्त बजट नहीं होता जबकि दूसरे कामों के लिये पर्याप्त बजट होता है। आज जो सैलरी पुलिस कर्मी को मिलती है, उसमें दो आदमियों का गुजारा भी नहीं हो पाता। 

बुरहानपुर के पुलिस अधीक्षक अनिल सिंह कुशवाह ने कहा, सूरजसिंह को अपनी बात कहने का पूरा हक है। लेकिन, उसे पुलिस बल के एक अनुशासित आरक्षक की तरह अपनी बात उचित तरीके से कहनी चाहिए थी। इस तरह सोशल मीडिया पर पत्र पोस्ट करना मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम के उल्लंघन की श्रेणी में आता है। इसलिए उसे नोटिस जारी कर जवाब तलब किया जाएगा।

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