Edited By Anil dev,Updated: 25 Dec, 2020 12:00 PM
चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद के चलते अपनी क्षमताओं को लगातार मजबूत कर रहे भारत ने एक और अहम काम किया है। दरअसल चीन को बड़ा मेसेज देने के लिए भारत पहली बार दक्षिण चीन सागर में उसके पड़ोसी दुश्मन देश वियतनाम के साथ साझा नौसेना अभ्यास करने जा रहा है।
नेशनल डेस्क: चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद के चलते अपनी क्षमताओं को लगातार मजबूत कर रहे भारत ने एक और अहम काम किया है। दरअसल चीन को बड़ा मेसेज देने के लिए भारत पहली बार दक्षिण चीन सागर में उसके पड़ोसी दुश्मन देश वियतनाम के साथ साझा नौसेना अभ्यास करने जा रहा है।
भारतीय नौसेना का पोत आईएनएस किल्टन भी होगा अभ्यास में शामिल
भारतीय नौसेना का एक युद्धपोत 26 और 27 दिसंबर को दक्षिण चीन सागर में वियतनामी नौसेना के साथ संपर्क और सहयोग संबंधी अभ्यास (पैसेज अभ्यास)करेगा जिसका मकसद दोनों देशों के बीच समुद्र में सहयोग को बढ़ाना है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मध्य वियतनाम के बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए भारतीय नौसेना का पोत आईएनएस किल्टन राहत सामग्री लेकर गया है और लौटते समय इस अभ्यास में शामिल होगा। उल्लेखनीय है कि यह अभ्यास ऐसे समय में हो रहा है जब चीन दक्षिण चीन सागर में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ा रहा है जिसको लेकर दुनिया भर में चिंता और आलोचना बढ़ रही है।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि मध्य वियतनाम के बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए भारतीय नौसेना का पोत आईएनएस किल्टन 15 टन से ज्यादा राहत सामग्री लेकर बृहस्पतिवार को हो ची मिन्ह शहर के ना रंग बंदरगाह पहुंचा। मंत्रालय ने बताया कि हो ची मिन्ह शहर से रवाना होने के बाद पोत 26 और 27 दिसंबर को दक्षिण चीन सागर में वियतनामी नौसेना के साथ संपर्क और सहयोग संबंधी अभ्यास में हिस्सा लेगा। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके वियतनामी समकक्ष गुयन जुआन फुक के बीच डिजिटल शिखर सम्मेलन हुआ था जिसमें दोनों देशों ने समुद्री सहित रक्षा एवं सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने का संकल्प लिया था। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि आपदा राहत सामग्री वियतनाम की राष्ट्रीय आपदा रोकथाम एवं नियंत्रण प्रबंधन समिति को सौंपी जाएगी। यह सहायता दोनों मित्रवत देशों के लोगों के बीच गहरे और परस्पर संबंधों को दर्शाती है।
आर्मी चीफ का पूर्वी लद्दाख दौरा
इससे पहले भारतीय आर्मी चीफ एमएम नरवणे ने बुधवार को पूर्वी लद्दाख का दौरा कर तैयारियों का जायजा लिया था। जनरल नरवणे ने फॉरवर्ड एरिया में मौजूद सैनिकों की फिटनेस को लेकर भी पूरी जानकारी हासिल की थी। नरवणे ने जिन इलाकों का दौरा किया उनमें कैलाश रेंज की रेजगांग ला और रेचिन चोटियां भी शामिल थीं। यह वही चोटियां हैं जिन पर 28-29 अगस्त को भारतीय सेनाओं ने कब्जा जमाया था।