Edited By Anil dev,Updated: 15 Mar, 2021 01:51 PM
दिल्ली की एक अदालत ने पुलिस को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और नौ अन्य को 2016 के राजद्रोह मामले में दायर आरोपपत्र की प्रति देने का सोमवार को निर्देश दिया। मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (सीएमएम)...
नेशनल डेस्क: दिल्ली की एक अदालत ने पुलिस को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और नौ अन्य को 2016 के राजद्रोह मामले में दायर आरोपपत्र की प्रति देने का सोमवार को निर्देश दिया। मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (सीएमएम) पंकज शर्मा ने मामले से जुड़े दस्तावेजों की जांच के लिए मामले को सात अप्रैल के लिए सूचीबद्ध किया और मामले में अभी तक गिरफ्तार नहीं किए गए सात आरोपियों को अंतरिम जमानत भी दे दी। आरोपपत्र दायर करने से पहले, आकिब मुजीब, उमर गुल, रईस रसूल, बशारत अली, खालिद बशीर सहित सात लोगों को गिरफ्तार नहीं किया गया था।
इन्होंने जमानत के लिए अदालत में याचिका दायर की थी। अदालत ने 25 हजार रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही मूल्य की जमानत राशि जमा करने की शर्त पर उन्हें जमानत दे दी। अदालत के समन जारी करते समय कुमार, दिल्ली दंगा ममले में पहले से ही पुलिस हिरासत में ले लिए गए उमर खालिद के अलावा अनिर्बान भट्टाचार्य और बाकी सात आरोपी भी परिसर में मौजूद थे। इससे पहले अदालत ने आरोपपत्र का संज्ञान लिया था। कुमार और जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद तथा अनिर्बान भट्टाचार्य पर भारत विरोधी नारेबाजी करने का आरोप है। मामले में जिन सात अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है, उनमें कश्मीरी छात्र आकिब हुसैन, मुजीब हुसैन, मुनीब हुसैन, उमर गुल, रईस रसूल, बशीर भट और बशारत अली शामिल हैं।
उनमें से कुछ जेएनयू, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र हैं। इन सभी पर ने भादंवि की धारा 124ए, 323, 471, 143, 147, 149, 120बी के तहत मामला दर्ज किया गया है। भाजपा के तत्कालीन सांसद महेश गिरि और आरएसएस की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की शिकायत पर 11 फरवरी 2016 को वसंत कुंज (उत्तर) थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए और 120बी के तहत मामला दर्ज किया गया था।