Edited By Anil dev,Updated: 04 Jan, 2021 06:27 PM
कृषि कानूनों को लेकर जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच आज किसान संगठन और सरकार सातवें दौर की बातचीत में कोई हल नहीं निकल सका है। इसी बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि चर्चा का माहौल अच्छा था परन्तु किसान नेताओं के कृषि क़ानूनों की...
नेशनल डेस्क: कृषि कानूनों को लेकर जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच आज किसान संगठन और सरकार सातवें दौर की बातचीत में कोई हल नहीं निकल सका है। इसी बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि चर्चा का माहौल अच्छा था परन्तु किसान नेताओं के कृषि क़ानूनों की वापसी पर अड़े रहने के कारण कोई रास्ता नहीं बन पाया। 8 तारीख को अगली बैठक होगी। किसानों का भरोसा सरकार पर है इसलिए अगली बैठक तय हुई है।
बैठक से पहले पीएमओ सक्रिय
किसान संगठनों के साथ सातवें दौर की बैठक से पहले प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) सक्रिय है। पीएमओ ने आज होने वाली बैठक को लेकर संबंधित मंत्रियों से फीडबैक लिया है। वहीं प्रस्तावित बातचीत से पहले केंद्र सरकार पूरी तरह सतर्क होकर आगे की रणनीति पर काम कर रही है। सरकार के साथ सोमवार को पूर्व निर्धारित बैठक के बावजूद किसान संयुक्त मोर्चा ने दबाव की रणनीति अपनाई है। इसके तहत आगामी आंदोलन की रूपरेखा एक बार फिर घोषित कर दी गई है। संयुक्त किसान मोर्चा अपनी आगामी रणनीति के तहत छह जनवरी को किसान ट्रैक्टर मार्च निकालेगा, जबकि 15 जनवरी तक भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का घेराव करने का फैसला किया गया है। 23 जनवरी को सुभाषचंद्र बोस की जयंती पर सभी राज्यों में राज्यपाल भवन तक मार्च किया जाएगा।
26 जनवरी को पूरी ताकत से राजधानी दिल्ली में किसानों की परेड निकालने की योजना है। यह योजना तब लागू की जाएगी, जब सोमवार को होने वाली बैठक में कोई नतीजा नहीं निकलेगा। केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने उम्मीद जताई कि प्रस्तावित बातचीत से समाधान निकल सकता है और कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन खत्म हो सकता है। उन्होंने कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों पर किसानों को भड़काने का भी आरोप लगाया।