Edited By Anil dev,Updated: 14 May, 2021 05:38 PM
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत पश्चिम बंगाल के किसानों को शुक्रवार को कोष की पहली किस्त मिलने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए उस पर पूरी राशि भुगतान ना करने का आरोप लगाया
नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत पश्चिम बंगाल के किसानों को शुक्रवार को कोष की पहली किस्त मिलने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए उस पर पूरी राशि भुगतान ना करने का आरोप लगाया। बनर्जी ने किसानों को एक खुला पत्र लिखा और कहा कि बंगाल में पात्र किसानों को योजना का लाभ देने का निर्णय उनकी सरकार की निरंतर लड़ाई का परिणाम है। उन्होंने कहा, पश्चिम बंगाल सरकार ने 2018 में कृषक बंधु योजना शुरू की थी, जो पूरे देश के लिए एक मॉडल बन गई है।
बनर्जी ने कहा, इसके बाद 2019 में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना शुरू की गई। तुलनात्मक रूप से, राज्य का कार्यक्रम बेहतर है क्योंकि इससे किसानों को अधिक लाभ मिलता है... हम निकट भविष्य में अपनी योजना में और लाभ जोडऩे पर विचार कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीडिया कॉन्फ्रेंस के जरिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत देश के 9.5 करोड़ से अधिक किसानों को आर्थिक लाभ की आठवीं किस्त जारी की थी। आठवीं किस्त के तहत विश्व की सबसे बड़ी प्रत्यक्ष नकदी हस्तांतरण (डीबीटी) योजना के माध्यम से 20,000 करोड़ से अधिक की राशि सीधे लाभार्थी किसानों के खातों में भेजी गई है।
बनर्जी ने छह मई को भी मोदी को एक पत्र लिखकर उनसे केन्द्रीय कृषि मंत्रालय से राज्य के किसानों को कोष जारी करने का कहने का आग्रह किया था। मुख्यमंत्री ने कहा, आप सभी को 18,000 रुपये मिलने चाहिए थे, लेकिन आपको बेहद कम राशि मिली है। यह राशि भी आपको ना मिली होती अगर हमने इसके लिए लड़ाई ना की होती। आपको पूरी राशि मिलने तक हम लड़ाई जारी रखेंगे। सूत्रों के अनुसार, मई की शुरुआत तक योजना के लिए पंजीकरण कराने वाले 41 लाख में से करीब 7.55 लाख किसानों को ही धन प्राप्त करने के पात्र पाया गया है। राज्य सरकार ने इससे पहले केन्द्रीय योजना के भुगतान के तरीके और अन्य मुद्दों पर भी पर आपत्तियां जताई थीं। कृषक बंधु योजना के तहत एक या उससे अधिक एकड़ जमीन वाले किसानों को हर साल पांच हजार रुपये दिए जाते हैं।