Edited By Anil dev,Updated: 13 May, 2021 04:43 PM
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले में कथित धोखाधड़ी और धनशोधन के मामले में वांछित भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को यहां की एक विशेष अदालत ने सार्वजनिक नोटिस जारी कर पूछा है कि उसकी संपत्तियों को भगोड़ा आर्थिक अपराधी (एफईओ) कानून के तहत जब्त क्यों...
नेशनल डेस्क: पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले में कथित धोखाधड़ी और धनशोधन के मामले में वांछित भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को यहां की एक विशेष अदालत ने सार्वजनिक नोटिस जारी कर पूछा है कि उसकी संपत्तियों को भगोड़ा आर्थिक अपराधी (एफईओ) कानून के तहत जब्त क्यों नहीं किया जाए। विशेष न्यायाधीश वी.सी. बर्डे ने नीरव मोदी से 11 जून को अदालत के समक्ष पेश होने को भी कहा। अदालत ने कहा कि अगर आरोपी पेश नहीं होता तो उसके खिलाफ एफईओ कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।
विशेष अदालत ने दिसंबर 2019 में नीरव मोदी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका पर ऐसा किया गया था जो इस मामले में जांच कर रहा है। हालिया नोटिस के अनुसार, मैं, वी.सी. बर्डे, पीएमएलए 2002 और भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 के तहत विशेष न्यायाधीश, आपको यह कारण बताने के लिए नोटिस जारी करता हूं कि आवेदन (प्रवर्तन निदेशालय की याचिका) में उल्लेखित संपत्तियों को उक्त कानून के तहत जब्त क्यों नहीं कर लिया जाए। नीरव मोदी की पत्नी अमी, बहन पूर्वी और बहनोई मयंक मेहता को भी ऐसा ही नोटिस जारी किया गया। जांच एजेंसी का आरोप है कि नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी ने कुछ बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ कथित तौर पर 14,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की।