Edited By vasudha,Updated: 27 Aug, 2019 10:36 AM
नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की एक समुद्री शाखा लोगों को हमले करने के लिए प्रशिक्षित कर रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना इस तरह के किसी भी प्रयास को नाकाम करने के लिए पूरी तरह से तैयार...
पुणे: नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की एक समुद्री शाखा लोगों को हमले करने के लिए प्रशिक्षित कर रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना इस तरह के किसी भी प्रयास को नाकाम करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
नौसेना प्रमुख ने एक कार्यक्रम के इतर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि तटीय सुरक्षा से जुड़े सभी पक्ष सुनिश्चित कर रहे हैं कि समुद्र से कोई घुसपैठ न हो। हमें खुफिया सूचना मिली हैं कि जैश-ए-मोहम्मद की एक ‘अंडरवाटर विंग' को जल क्षेत्र से हमले करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है और यह एक बदलाव है लेकिन हम इस तरह के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। हम किसी भी हमले को समुद्र में ही दफन कर देंगे।
घटते बजट पर नौसेना प्रमुख ने जताई चिंता
करमबीर सिंह ने कहा कि भारतीय नौसेना, समुद्री पुलिस, राज्य सरकारें और अन्य हितधारक यह सुनिश्चित कर रहे है कि समुद्र से घुसपैठ नहीं हो। वहीं नौसेना प्रमुख ने देश के समक्ष समुद्री चुनौतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि नौसेना को अपनी क्षमता निर्माण के लिए एक सुनिश्चित बजटीय समर्थन की आवश्यकता है। 2012-13 में रक्षा बजट में नौसेना का आवंटन 18 प्रतिशत था, जो अब घटकर 13 प्रतिशत हो गया है। इससे भविष्य की योजना और क्षमता विकास प्रभावित हो रहा है। उन्होंने रक्षा कूटनीति कोष स्थापित करने का भी आह्वान किया।
नौसेना प्रमुख ने कहा कि इस तरह से हमें 2024 तक पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने जा रहे देश को आश्वस्त करने में मुश्किल हो रही है और समुद्री मोर्चे पर प्रोत्साहन की जरूरत है। हिंद महासागर-बदलता आयाम-भारत के लिए समुद्री सुरक्षा से जुड़े विषय पर एडमिरल सिंह ने अपनी राय व्यक्त की।