पवार ने PM मोदी से पूछा महबूबा सरकार से अलग होने का कारण

Edited By Anil dev,Updated: 13 Apr, 2019 06:22 PM

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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले जवाब दें कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) महबूबा मुफ्ती सरकार से अलग क्यों हुई। उन्होंने कहा कि भाजपा मुती सरकार में शामिल थी और बिना कोई जवाब दिये सरकार...

कोल्हापुर: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले जवाब दें कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) महबूबा मुफ्ती सरकार से अलग क्यों हुई। उन्होंने कहा कि भाजपा मुफ्ती सरकार में शामिल थी और बिना कोई जवाब दिये सरकार से अलग हो गई। पवार ने शनिवार सुबह यहां संवाददाताओं से कहा कि मोदी ने कल अहमदनगर में कहा था कि जम्मू-कश्मीर में अलग प्रधानमंत्री के बयान पर पवार चुप क्यों हैं और पार्टी के राष्ट्रवादी नाम पर भी उन्होंने प्रश्न किया था। पवार ने मोदी के इस बयान को लेकर कहा कि भाजपा मुफ्ती मंत्रिमंडल में शामिल थी इसलिए प्रधानमंत्री को पहले जवाब देना चाहिए कि उनका गठबंधन जम्मू-कश्मीर में क्यों टूटा। कांग्रेस या राकांपा का मुफ्ती की पार्टी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ कोई गठबंधन नहीं था। 

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पवार ने कहा कि मोदी ने चार वर्ष पूर्व जम्मू-कश्मीर के लिए विकास योजना की घोषणा की थी लेकिन वहां एक भी वादा पूरा नहीं किया गया जिसके कारण जम्मू-कश्मीर का युवा वर्ग नाराज हो गया।  घोषणा के अनुसार योजनाओं को लागू करना जरूरी था और योजनाओं के लागू नहीं होने के कारण अलगाववादी रवैया बढऩे लगा। उन्होंने कहा कि मोदी अपनी गलती किसी और के सिर पर डालने की कोशिश कर रहे हैं और विकास कार्यों से ध्यान हटाने के लिए वह ऐसा कर रहे हैं। पवार ने जम्मू-कश्मीर में अलग प्रधानमंत्री के मामले में कहा कि स्वतंत्रता के बाद तब के कश्मीर के प्रिंस ने भारत में विलय के लिए शर्तें रखी थीं जिसमें एक शर्त यह भी थी लेकिन मोदी जनता को गुमराह कर रहे हैं। हमारा संविधान स्पष्ट है कि देश में एक ही प्रधानमंत्री होगा। 

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पवार ने कहा कि मोदी ने वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव के समय विकास कार्य के आधार पर चुनाव प्रचार किया था लेकिन इस बार प्रचार में वह पुलवामा हमले का सहारा ले रहे हैं। विकास कार्य की कोई बात नहीं हो रही है। मोदी विकास कार्य से जनता का ध्यान हटाना चाहते हैं। राफेल विमान के संबंध में उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के समय में राफेल का दाम 1600 करोड़ रुपए प्रति विमान हो गया और इस मामले में विपक्षी दल संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग कर रही थी जिसे मोदी सरकार ने खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि बोफोर्स मामले में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने जेपीसी जांच को स्वीकार किया था।  पवार ने प्रश्न करते हुए कहा कि यदि राफेल खरीद में कोई अनियमितता नहीं तो  मोदी ने जेपीसी जांच को स्वीकार क्यों नहीं किया। 

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