तवांग को भारत का हिस्सा नहीं बनाना चाहते थे नेहरू, रीजीजू के दावे को कांग्रेस ने बताया कोरा झूठ

Edited By rajesh kumar,Updated: 04 Nov, 2022 08:53 PM

nehru did not want to make tawang a part of india

कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रीजीजू का यह दावा कोरा झूठ है कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू नहीं चाहते थे कि तवांग भारत का हिस्सा बने।

नेशनल डेस्क: कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रीजीजू का यह दावा कोरा झूठ है कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू नहीं चाहते थे कि तवांग भारत का हिस्सा बने। रीजीजू ने एक साक्षात्कार में कहा है कि कांग्रेस कहती है कि तवांग भारत का हिस्सा है, लेकिन पूर्व में, उसकी सरकार ने इसे नहीं माना था। उन्होंने दावा किया कि जब 1951 में भारतीय जवानों ने तवांग को भारत के साथ मिलाया तब, तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू ने असम के तत्कालीन राज्यपाल (जयराम दास दौलत राम) को इसके लिए डांटा था।

उनके दावे को लेकर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘तथ्यों को तोड़ने-मरोड़ने वाले (नरेंद्र) मोदी के समूह में नया दाखिला किरेन रीजीजू का हुआ है। वह अब कह रहे हैं कि नेहरू नहीं चाहते थे कि तवांग भारत का हिस्सा बने। यह कोरा झूठ है। 2018 में जिन दो टेलीग्राम को सार्वजनिक किया गया था उनसे यह झूठ बेनकाब हो जाता है।'' उन्होंने कहा कि इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता कि फरवरी, 1951 में तवांग में तिरंगा फहराया जाना एक नीतिगत फैसला था जो रणनीतिक विचार-विमर्श आधार पर किया गया था।''

इससे कुछ दिनों पहले रीजीजू ने कहा था कि अनुच्छेद 370 को लागू करना और पाकिस्तान के साथ विवाद को संयुक्त राष्ट्र में ले जाने की नेहरू की ‘‘गलतियों'' ने बहुत नुकसान किया, देश के संसाधनों को खत्म कर दिया और आतंकवाद ने सैनिकों और नागरिकों समेत हजारों लोगों की जान ले ली। कांग्रेस ने इसको लेकर दावा किया था कि रीजीजू को इतिहास का ज्ञान नहीं है।

 

 

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