Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Dec, 2017 09:29 AM
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लगभग एक दशक तक लम्बा संघर्ष करने के बाद दिल्ली के लुटियन क्षेत्र में बंगला मिल ही गया। सामान्य तौर पर मुख्यमंत्रियों को केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा एक बंगला अलॉट किया जा सकता है। यद्यपि इस संबंध में कोई...
नेशनल डैस्कः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लगभग एक दशक तक लम्बा संघर्ष करने के बाद दिल्ली के लुटियन क्षेत्र में बंगला मिल ही गया। सामान्य तौर पर मुख्यमंत्रियों को केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा एक बंगला अलॉट किया जा सकता है। यद्यपि इस संबंध में कोई विशेष नियम नहीं है। जैड प्लस सुरक्षा में आने वाले वी.आई.पी. को बंगला देने के सिद्धांत में ऐसी समस्या आती है। नीतीश को 10 वर्ष तक इस समस्या का सामना करना पड़ा क्योंकि यू.पी.ए. ने उन्हें कभी भी बंगला अलॉट नहीं किया था जबकि वह राजग के एक सहयोगी रहे। यद्यपि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को बार-बार लिखा मगर इसका कोई भी नतीजा नहीं निकला।
जब मोदी केंद्र में सत्तारूढ़ हुए तो नीतीश ने उन पर निशाना साधते हुए खुद को राजग से दूर कर लिया इसलिए वह फिर बंगला पाने से वंचित रह गए। राजग शासन के 42 महीने बाद नीतीश की दिल्ली के लुटियन क्षेत्र में एक बंगला प्राप्त करने की इच्छा आखिर पूरी हो ही गई। शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने इस मामले को आवास पर कैबिनेट समिति के समक्ष उठाया और उसके चेयरमैन राजनाथ सिंह ने इस संबंध में अनौपचारिक रूप से प्रधानमंत्री के साथ सलाह-मशविरा किया।
लम्बी बातचीत के बाद नीतीश कुमार को पिछले सप्ताह लुटियन क्षेत्र में टाइप-8 मंत्री स्तरीय बंगला अलॉट किया गया। यह बंगला पहले उनके मित्र और भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल रणजीत कुमार के पास था जिन्होंने मकान को बढिय़ा बनाने के लिए हजारों रुपए खर्च किए थे। हरदीप पुरी ने भी मकान का निरीक्षण किया और नीतीश को सूचित किया कि मौजूदा समय में यही बढ़िया बंगला उपलब्ध है। उन्होंने अपनी सहमति दे दी और प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया।