Edited By vasudha,Updated: 06 Aug, 2020 01:46 PM
कोविड-19 महामारी के मद्देनजर रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोने के जेवरों पर उनके मूल्य के 90 प्रतिशत तक ऋण देने की वाणिज्यिक बैंकों को अनुमति प्रदान कर दी है। मौजूदा नियमों के अनुसार, सोने के जेवरों पर बैंक उनके मूल्य के 75 फीसदी तक ऋण दे सकते हैं।...
बिजनेस डेस्क: कोविड-19 महामारी के मद्देनजर रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोने के जेवरों पर उनके मूल्य के 90 प्रतिशत तक ऋण देने की वाणिज्यिक बैंकों को अनुमति प्रदान कर दी है। मौजूदा नियमों के अनुसार, सोने के जेवरों पर बैंक उनके मूल्य के 75 फीसदी तक ऋण दे सकते हैं। आरबीआई ने अब यह सीमा बढ़ाकर 90 प्रतिशत करने का फैसला किया है।
यह अस्थायी छूट है जो अगले साल 31 मार्च तक के लिए दी गई है। केंद्रीय बैंक ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद जारी विकास एवं नियामक नीति संबंधी बयान में कहा कि आम गृहस्थों, नवोद्यमियों और छोटे कारोबारियों पर कोविड-19 के आर्थिक प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से सोने के गहनों के बदले दिये जाने वाले गैर-कृषि ऋण की सीमा मौजूदा 75 प्रतिशत से बढ़ाकर मूल्य का 90 प्रतिशत करने का फैसला किया गया है।
यह छूट 31 मार्च 2021 तक उपलब्ध होगी। आरबीआई ने इसके लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि 01 अप्रैल 2021 से सोने के आभूषणों पर दिये जाये जाने वाले नये ऋण की सीमा फिर उसके मूल्य के 75 प्रतिशत के बराबर रह जायेगी।
जानिए क्या है गोल्ड लोन
गोल्ड लोन एक ऐसा सुरक्षित लोन है जो आपको उधार देने वाले को जमानत के तौर पर सोने के गहने गिरवी रखने पर मिल सकता है। उधार देने वाला इसके बदले आपके सोने के बाज़ार मूल्य के आधार पर आपको लोन की राशि देता है। आपकी चुनी गई समयावधि खत्म होने पर आपके लोन की राशि और ब्याज का भुगतान पूरा हो जाने के बाद आपका सोना वापस कर दिया जाता है। बैंक लोन के लिए सोने का बिस्किट, सिक्के या सोने-चांदी की ईंट नहीं लेता है।