Edited By Yaspal,Updated: 17 Sep, 2020 08:24 PM
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने इंटर्नशिप कर रहे या उसे पूरा कर चुके एमबीबीएस डॉक्टरों को मरीजों की पर्ची लिखना सिखाने के लिए आज एक ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरु किया है। इस कोर्स के लिए पंजीकरण आज से शुरु है। आईसीएमआर ने आज बताया कि मरीज...
नई दिल्लीः भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने इंटर्नशिप कर रहे या उसे पूरा कर चुके एमबीबीएस डॉक्टरों को मरीजों की पर्ची लिखना सिखाने के लिए आज एक ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरु किया है। इस कोर्स के लिए पंजीकरण आज से शुरु है। आईसीएमआर ने आज बताया कि मरीज सुरक्षा दिवस के अवसर पर इस कोर्स को शुरु किया गया है।
इस कोर्स के तहत मेडिकल स्नातक छात्रों को बताया जायेगा कि मरीजों की पर्ची लिखते समय किन-किन बातों का ध्यान रखें। कैसे दवायें लिखें और मरीजों को दवा संबंधी जानकारी दें। उन्हें संक्रमण, आंख, कान, त्वचा, मानसिक रोग, महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों, आपात स्थिति और दिल की बीमारी, उच्च रक्तचाप, मधुमेह आदि के मरीजों के लिए पर्ची लिखना बताया जाएगा। इस कोर्स का संचालन चेन्नई स्थित आईसीएमआर-एनआईई द्वारा किया जायेगा।
आईसीएमआर के महानिदेशक प्रोफेसर बलराम भार्गव ने इस कोर्स को लांच करने के मौके पर कहा कि आईसीएमआर यह सुनिश्चित करने के प्रति प्रतिबद्ध है कि देश के मेडिकल स्नातक अन्य देशों के डॉक्टरों के समान स्तर पर हों। आईसीएमआर ने बायोमेडिकल रिसर्च का बेसिक कोर्स सफलतापूर्वक पूरा किया है। इस कोर्स को भारतीय चिकित्सा परिषद ने परास्नातक छात्रों के लिए अनिवार्य बना दिया है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि मेडिकल स्नातक छात्रों की प्रिस्क्रिशन स्किल का डिजिटल कोर्स भी सफल सिद्ध हो। इस तीन माह के कोर्स के तहत 20-20 मिनट के 40 वीडियो लेक्चर होंगे।
कोर्स में शामिल होने वाले छात्र का पहले टेस्ट होगा जिससे उनके पहले के ज्ञान को जांचा जायेगा और फिर कोर्स के दौरान समय-समय पर मूल्यांकन होता रहेगा। कोर्स को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट दिया जायेगा। इन कोर्स में शामिल होने के लिए छात्रों को अभी ही पंजीकरण करना होगा और चार अक्टूबर या 11 अक्टूबर को प्री टेस्ट देना होगा।