Edited By vasudha,Updated: 03 Dec, 2019 05:14 PM
सरकार ने मंगलवार को कहा कि भारत में जल्दी ही एक नयी तकनीक से शव परीक्षण किया जा सकेगा जिसमें शवों की चीड़-फाड़ करने की जरूरत नहीं होगी। भारत इस पद्धति की शुरुआत करने वाला पहला दक्षेस देश होगा...
नेशनल डेस्क: सरकार ने मंगलवार को कहा कि भारत में जल्दी ही एक नयी तकनीक से शव परीक्षण किया जा सकेगा जिसमें शवों की चीड़-फाड़ करने की जरूरत नहीं होगी। भारत इस पद्धति की शुरुआत करने वाला पहला दक्षेस देश होगा।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने राज्यसभा को बताया कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद मिलकर ऐसी तकनीक पर काम कर रहे हैं जिसमें बिना चीड़-फाड़ किए ही शव परीक्षण (वर्चुअल ऑटोप्सी) हो सकेगा। इसका एक मकसद शवों का गरिमामय तरीके से निस्तारण भी है। उन्होंने प्रश्नकाल में विभिन्न पूरक सवालों के जवाब में कहा कि इस तकनीक के अगले छह महीने में चालू होने की संभावना है।
यह तकनीक स्विट्जरलैंड, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, नार्वे सहित कई देशों में शुरू हो गया है। हर्षवर्धन ने कहा कि नयी पद्धति में समय भी कम खर्च होगा और यह किफायती भी होगी। इसमें डिजिटल रिकार्ड भी रखा जा सकेगा। उन्होंने बताया कि अभी एम्स में हर साल करीब तीन हजार शव परीक्षणा किए जाते हैं।