Edited By Parveen Kumar,Updated: 18 Mar, 2024 06:33 PM
नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर प्रशासन पर विधानसभा और संसदीय चुनाव एक साथ कराने के कदम को छिन्नभिन्न करने का आरोप लगाया।
नेशनल डेस्क : नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर प्रशासन पर विधानसभा और संसदीय चुनाव एक साथ कराने के कदम को छिन्नभिन्न करने का आरोप लगाया। दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले दमहाल हांजी पोरा में आज आयोजित एक सार्वजनिक रैली में उमर ने मीडियाकर्मियों से कहा, ‘‘मौजूदा जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने विधानसभा और संसदीय चुनाव एक साथ कराने के कदम को छिन्न भिन्न कर दिया क्योंकि वे यहां एक निर्वाचित सरकार नहीं देखना चाहते हैं।''
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा सरकार ‘बेताज बादशाहों की तरह शासन करना जारी रखना चाहती है' और यहां निर्वाचित सरकार नहीं देखना चाहती। उमर ने कहा, ‘‘हम चाहते थे कि संसदीय और विधानसभा दोनों चुनाव एक साथ हों, जो नहीं हुए। हम अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हैं कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार उन्हें 30 सितंबर से पहले चुनाव संपन्न कराने होंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह भी स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव समय सीमा से पहले होंगे और उम्मीद है कि लोगों की सरकार चुनने के लिए चुनाव संपन्न होंगे।''
पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकर डिक्लेरेशन (पीएजीडी) की स्थिति के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए उमर ने कहा कि गठबंधन कायम है। उन्होंने कहा, ‘‘पीएजीडी स्थिति का क्या हुआ? हम इस पर कायम हैं कि वे एक या दो दिन में मिलेंगे।'' उमर ने यह भी घोषणा की कि पार्टी ने आज से लोकसभा चुनाव अभियान का आगाज किया है। नागरिक संशोधन अधिनियम (सीएए) के बारे में उमर ने कहा, ‘‘यह केवल मुसलमानों के खिलाफ नहीं है, अन्य अल्पसंख्यक भी हैं जिन्हें इससे दूर रखा गया है।''