Edited By Tanuja,Updated: 10 Aug, 2020 01:50 PM
पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे पर भारत के खिलाफ जहर उगलने से बाज नहीं आता है । लेकिन इस बार पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ...
इस्लामाबादः पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे पर भारत के खिलाफ जहर उगलने से बाज नहीं आता है । लेकिन इस बार पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी कश्मीर मुद्दे को लेकर सऊदी अरब के खिलाफ टिप्पणी कर अपने ही देश में घिर गए हैं । कश्मीर को लेकर पाक और सऊदी के बीच आई दूरी अब दुनिया को भी नजर आने लगी है। इसकी मिसाल तब सामने आई जब पाकिस्तान को सऊदी अरब को एक अरब डॉलर (लगभग 7500 करोड़ रुपए) का भुगतान करना पड़ा। दरअसल इसके लिए सऊदी के खिलाफ कुरैशी की तल्ख टिप्पणी को जिम्मेदार माना जा रहा है। सऊदी द्वारा पाक से कर्ज वापसी के फैसले के बाद इस्लामाबाद धीरे-धीरे अन्य मुस्लिम देशों का भी समर्थन खोता नजर आ रहा है।
संकट में सऊदी अरब ही पाकिस्तान का एकमात्र सहारा
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में दो पाकिस्तान पत्रकारों रऊफ क्लासरा और अमीर मतीम ने पाकिस्तान के प्रति सऊदी अरब के रुख में आए अचानक बदलाव पर चर्चा की। मतीम ने इस तरह का बयान देने के लिए कुरैशी की आलोचना करते हुए कहा कि वह कभी-कभी भावनात्मक रूप से बोलते हैं और मामले को बहुत दूर तक ले जाते हैं। उन्होंने कहा कि वित्तीय संकट में सऊदी अरब ही पाकिस्तान का एकमात्र सहारा है, ऐसे में कुरैशी को उसके खिलाफ कोई भी बयान देने से पहले सोचना चाहिए। मतीम ने कहा कि यह उम्मीद नहीं की जानी चाहिए कि चूंकि सऊदी अरब पाकिस्तान का दोस्त है, इसलिए वह कश्मीर पर उसी तरह का रुख अपनाएगा। हमें ध्यान रखना चाहिए कि यह एक कॉलेज नहीं है बल्कि यह एक अंतरराष्ट्रीय परिक्षेत्र है।
इस टिप्पणी पर फंसे कुरैशी
कुछ दिनों पहले शाह ने कहा था कि कश्मीर मुद्दे पर सऊदी अरब ने ओआइसी के विदेश मंत्रियों की आपात बैठक नहीं बुलाई तो पाकिस्तान खुद यह बैठक बुला सकता है। उन्होंने कहा कि अगर सऊदी अरब बैठक नहीं बुलाता है तो मैं प्रधानमंत्री इमरान खान से यह आग्रह करने के लिए विवश हो जाऊंगा कि वे खुद उन इस्लामिक देशों की बैठक बुलाएं, जो कश्मीर मुद्दे पर हमारे साथ हैं।'
अब पाक ताक रहा चीन का मुंह
कर्ज पैकेज के तहत पाकिस्तान को 3.2 अरब डॉलर (करीब 24 हजार करोड़ रुपये) का तेल उधार में देने का प्रावधान किया गया था। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, इस प्रावधान की मियाद दो महीने पहले ही खत्म हो चुकी है। इसका अब तक नवीनीकरण नहीं हुआ है। पाकिस्तान ने चीन से उधार लेकर सऊदी अरब से लिए कर्ज में से एक अरब डॉलर (करीब साढ़े सात हजार करोड़ रुपये) की किस्त समय से चार महीने पहले ही चुका दी है, लेकिन बाकी कर्ज चुकाने के लिए भी वह चीन का मुंह देख रहा है।