Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 24 Apr, 2025 10:17 PM
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए पाकिस्तान पर कड़ा प्रहार किया है। कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में सिंधु जल समझौते को निलंबित करने का फैसला लिया गया है।
नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए पाकिस्तान पर कड़ा प्रहार किया है। कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में सिंधु जल समझौते को निलंबित करने का फैसला लिया गया है। इसका सीधा मतलब है कि भारत अब पाकिस्तान को झेलम, चिनाब और सिंधु नदियों का पानी नहीं देगा। हालांकि, यह जितना सुनने में सीधा लगता है, हकीकत में उतना आसान नहीं है।
क्या है सिंधु जल समझौता?
साल 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) पर हस्ताक्षर हुए थे। इस समझौते के तहत भारत को पूर्वी नदियों – सतलज, ब्यास और रावी – के पानी पर अधिकार मिला, जबकि पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों – झेलम, चिनाब और सिंधु – का पानी दिया गया।
यह समझौता विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुआ था और इसे अब तक दोनों देश मानते आ रहे हैं।
पाकिस्तान की निर्भरता कितनी ज्यादा?
पाकिस्तान का पंजाब और सिंध प्रांत, खासकर उसकी 90 फीसदी खेती योग्य भूमि, सिंधु जल समझौते के तहत मिलने वाले पानी पर निर्भर है। अगर भारत यह पानी रोक देता है, तो पाकिस्तान में खेती से लेकर बिजली उत्पादन और पीने के पानी तक की स्थिति संकट में आ सकती है। यह फैसला पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को हिलाकर रख सकता है।
क्या भारत रातोंरात रोक सकता है पानी?
इसका जवाब है – नहीं। क्योंकि भारत के पास ऐसा कोई तुरंत प्रभावी इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है जिससे झेलम, चिनाब और सिंधु का पानी तुरंत रोका जा सके। यदि अचानक पानी रोका गया तो भारत के अपने राज्यों – जम्मू-कश्मीर और पंजाब – में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो सकती है।
किन प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है?
भारत ने पहले ही पश्चिमी नदियों पर कई हाइड्रो प्रोजेक्ट्स की योजना बनाई है –
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चिनाब नदी पर बगलीहार डैम (कार्यरत)
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चिनाब की सहायक नदी मारुसूदर पर पाकल डुल प्रोजेक्ट (निर्माणाधीन)
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चिनाब पर रतले प्रोजेक्ट (निर्माणाधीन)
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झेलम की सहायक नदी नीलम पर किशनगंगा प्रोजेक्ट (कार्यरत)
इनमें से कुछ डैम तो पहले से चालू हैं, लेकिन बाकी पर काम चल रहा है। जब तक ये डैम पूरी तरह तैयार नहीं होते, भारत पानी रोकने की स्थिति में नहीं है।
कितना समय लगेगा पाकिस्तान का पानी रोकने में?
भारत को इन नदियों का पानी रोकने के लिए बड़े स्तर पर बांध, जलाशय और पंपिंग सिस्टम तैयार करने होंगे। यह काम तकनीकी रूप से भी मुश्किल है और इसमें कई सालों का समय लग सकता है। पाकिस्तान के एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि भारत को इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने में समय लगेगा, और इस बीच पाकिस्तान के पास अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आपत्ति जताने का मौका रहेगा।
क्या सिंधु जल समझौता रद्द किया जा सकता है?
भारत ने अभी केवल सिंधु जल समझौते को "निलंबित" किया है, "रद्द" नहीं। इसे रद्द करना एक अंतरराष्ट्रीय प्रक्रिया है, जिसमें कई कानूनी और कूटनीतिक पहलुओं को ध्यान में रखना होगा। यह कदम भारत के लिए दुनिया में उसकी साख को भी प्रभावित कर सकता है, इसलिए यह इतना सीधा फैसला नहीं होगा।