क्या भारत कर सकता है पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर कब्जा? जानें हकीकत क्या कहती है

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 10 May, 2025 04:09 PM

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भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने एक बार फिर परमाणु युद्ध की आशंका को हवा दे दी है। अप्रैल में हुए आतंकी हमले और उसके बाद की जवाबी कार्रवाई ने हालात को और गंभीर बना दिया है।

नेशनल डेस्क: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने एक बार फिर परमाणु युद्ध की आशंका को हवा दे दी है। अप्रैल में हुए आतंकी हमले और उसके बाद की जवाबी कार्रवाई ने हालात को और गंभीर बना दिया है। ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल उठना लाज़मी है कि क्या भारत पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर कब्जा कर सकता है? चलिए जानते हैं कि यह कितना संभव है और इसके पीछे की सच्चाई क्या है।

युद्ध के मुहाने पर खड़े भारत और पाकिस्तान

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की। जवाब में पाकिस्तान ने भारत पर ड्रोन हमले की कोशिश की, जिसे भारत के अत्याधुनिक S-400 एयर डिफेंस सिस्टम ने सफलतापूर्वक इंटरसेप्ट कर नष्ट कर दिया। अब पाकिस्तान की ओर से सीमा से सटे भारतीय इलाकों पर लगातार हवाई हमले की खबरें आ रही हैं। ऐसे में हालात बेहद गंभीर हो गए हैं। दोनों देश न्यूक्लियर पावर हैं और अगर युद्ध पूरी तरह भड़कता है, तो उसके अंजाम बेहद खतरनाक हो सकते हैं।

क्या भारत कब्जा कर सकता है पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर?

यह सवाल काफी संवेदनशील है और इसका जवाब सीधा नहीं है। सैन्य दृष्टिकोण से देखें तो किसी देश के परमाणु हथियारों पर कब्जा करना बहुत ही जटिल और खतरनाक काम होता है।

क्यों इतना मुश्किल है परमाणु हथियारों पर कब्जा करना?

  1. गुप्त और बिखरे ठिकाने:
    कोई भी देश अपने सभी परमाणु हथियारों को एक ही जगह नहीं रखता। इन्हें कई गुप्त और सख्त सुरक्षा वाले स्थानों पर छिपाकर रखा जाता है। पाकिस्तान भी अपने परमाणु हथियारों को अलग-अलग स्थानों पर सुरक्षित रखता है ताकि एक साथ उन पर हमला कर पाना मुश्किल हो।

  2. तेज प्रतिक्रिया की तैयारी:
    परमाणु हथियारों से लैस देश हमेशा हाई अलर्ट पर रहते हैं। अगर दुश्मन की कोई घुसपैठ या कब्जे की कोशिश होती है तो तत्काल जवाबी कार्रवाई होती है। ऐसे में पाकिस्तान भारत के किसी भी हमले को पहले ही भांप सकता है और खुद जवाबी हमला कर सकता है।

  3. राजनीतिक और वैश्विक दबाव:
    परमाणु हथियारों पर कब्जा करने की कोई भी कोशिश अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र के नियमों का उल्लंघन मानी जाएगी। इससे भारत की वैश्विक छवि को नुकसान हो सकता है और कूटनीतिक दबाव बढ़ सकता है।

अगर परमाणु हथियार का इस्तेमाल हुआ तो?

भारत की "नो फर्स्ट यूज" यानी पहले परमाणु हथियार न इस्तेमाल करने की नीति है। इसका मतलब है कि भारत कभी भी पहले परमाणु हमला नहीं करेगा, लेकिन अगर पाकिस्तान ऐसा करता है तो भारत भी जवाबी हमला करने के लिए पूरी तरह तैयार रहेगा। वहीं पाकिस्तान ने आज तक कोई स्पष्ट "नो फर्स्ट यूज" नीति नहीं अपनाई है। इससे यह आशंका बनी रहती है कि तनावपूर्ण हालात में पाकिस्तान पहले हमला कर सकता है। अगर ऐसा हुआ तो न केवल भारत और पाकिस्तान बल्कि आधी दुनिया को इसके विनाशकारी परिणाम झेलने पड़ सकते हैं।

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