पाकिस्तान की संसदीय समिति ने किया कबूल- हिंदुओं का कराया जा रहा जबरन धर्मातरण

Edited By Tanuja,Updated: 21 Oct, 2020 10:42 AM

pakistan senator conversion of hindu girls can t be considered forced

पाकिस्तान की  संसदीय समिति ने माना  है कि पाकिस्तान में तेजी से जबरन धर्मांतरण हो रहा है और सरकार  धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की ...

इस्लामाबादः पाकिस्तान की  संसदीय समिति ने माना  है कि पाकिस्तान में तेजी से जबरन धर्मांतरण हो रहा है और सरकार  धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं कर सकी है। सिंध में  हिंदू लड़कियों के जबरन धर्मांतरण के कई मामले सामने आने के बाद हाल ही में सांसद अनवर-उल-हक काकर की अध्यक्षता में जबरन धर्मांतरण मामलों पर गौर करने के लिए एक संसदीय समिति ने सिंध के कुछ इलाकों का दौरा किया।

 

काकर ने मीडिया से बातचीत के दौरान माना कि पाकिस्तान जबरन धर्मांतरण से धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा नहीं कर पाया है। हालांकि, उन्होंने अधिकतर मामलों में कुछ हद तक रजामंदी भी बताई। एक सवाल पर काकर ने कहा कि जबरन धर्मांतरण की कई परिभाषाएं हैं और समिति ने इस पर व्यापक चर्चा की है। उन्होंने कहा कि ‘बेहतर जीवनशैली के लिए हुए धर्मांतरण को जबरन धर्मांतरण माना जाता है, लेकिन आर्थिक कारणों से हुए धर्मांतरण को शोषण माना जा सकता है क्योंकि यह सहमति से होता है।’

 

संसदीय समिति के अध्यक्ष काकर ने अपने जांच निष्कर्ष  में स्पष्ट रूप से माना है कि सरकार ने जबरन धर्म परिवर्तन के मामलों में किसी भी तरह की जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं किया है। सरकार पूरी तरह इन मामलों को रोकने में विफल रही है। अधिकतर मामले सीधे तौर पर धर्म परिवर्तन के हैं। कुछ मामलों में दलील दी गई कि यह कार्य इन लड़कियों के जीवन स्तर में सुधार के लिए किया गया, लेकिन ऐसा नहीं माना जा सकता। ऐसे सभी मामले धर्म परिवर्तन के ही हैं। आर्थिक आधार या लालच देकर किया गया कार्य भी जबरन धर्म परिवर्तन की श्रेणी में ही है।

 

काकर ने कहा कि जो लोग हिंदू लड़कियों को बाहर निकलने और अपनी इच्छा से शादी करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं वे अपनी बेटियों के मामले में उदारता नहीं दिखाते। उन्होंने कहा कि सबसे दुखद स्थिति यह है कि परिवार के ‘दुख और दर्द’ पर विचार नहीं किया जाता।  काकर ने विवाह के लिए नए नियमों को लागू करने का सुझाव दिया जिसमें शादी के समय अभिभावक की मौजूदगी को अनिवार्य किया जाए। रिपोर्ट के मुताबिक सांघर, घोटकी, सुक्कुर, खैरपुर और मीरपुरखास जिलों में जबरन धर्मांतरण के सबसे ज्यादा मामले आते हैं। बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों से कम ही मामले आते हैं जबकि पंजाब से ईसाई समुदाय के धर्मांतरण के कुछ मामले सामने आए हैं । 

 

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