Edited By Tanuja,Updated: 03 Jan, 2024 02:34 PM
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को एक इंटरव्यू में कहा कि पाकिस्तान हमेशा भारत को बातचीत की टेबल पर लाने के लिए आतंकवाद...
इंटरनेशनल डेस्कः विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को एक इंटरव्यू में कहा कि पाकिस्तान हमेशा भारत को बातचीत की टेबल पर लाने के लिए आतंकवाद का मुद्दा उठाता है जबकि उसकी खुद की मुख्य नीति ही आतंकवाद रही है। उन्होंने कहा कि भारत ने अब इस खेल पर जवाब देना बंद कर दिया है। जयशंकर ने कहा, 'पाकिस्तान लंबे समय से सीमा पार से आतंकवाद का इस्तेमाल भारत पर बातचीत के लिए दबाव बनाने के लिए कर रहा है। पाकिस्तान अक्सर ही नापाक मंसूबों के लिए सीमा पार से आतंकियों को भारत की ओर भेजता रहता है। ऐसा नहीं है कि हम अपने पड़ोसी के साथ बातचीत नहीं करेंगे। मगर हम उन शर्तों के आधार पर बातचीत नहीं करेंगे जो उन्होंने (पाकिस्तान) रखी हैं, जिसमें बातचीत की मेज पर लाने के लिए आतंकवाद की प्रथा को वैध और प्रभावी माना जाता है।'
इंटरव्यू के दौरान जयशंकर ने कहा कि भारत को चीन के साथ आपसी सम्मान, संवेदनशीलता और साझा हितों के आधार पर रिश्ता कायम करने की जरूरत है। उन्होंने चीन की आक्रामकता से निपटने के लिए भारत के दृष्टिकोण में बदलाव की बात की। साथ ही उन्होंने चीन को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के जरिए बनाई गई नीतियों की आलोचना की। जब उनसे चीन के 'माइंड गेम्स' पर सवाल किया तो उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता है कि हम हार गए हैं लेकिन अलग-अलग समय पर जब हम आज अतीत के हिस्सों की बात करते हैं, तो उन्हें समझना बहुत मुश्किल होता है। पंचशील समझौता एक और ऐसा उदाहरण है।' उन्होंने कहा, 'आत्मविश्वास और आश्वासन की भूमिका हमें बताती है कि हम एक बहुत पुरानी सभ्यता हैं। ये सब चीजें हमारे आचरण में हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि ये हमारी स्थिति और दूसरे देशों से हमारे संपर्क के तरीकों में होना चाहिए।'