Edited By shukdev,Updated: 12 Dec, 2019 05:41 PM
पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे की जयंती पर उनकी बेटी पंकजा मुंडे ने एक रैली का आयोजन किया। भाजपा से नाराज चल रही पूर्व मंत्री पंकजा ने पार्टी के खिलाफ बगावती रुख अपना रखें हैं। इस मुहिम में भाजपा के बागी एकनाथ खड़से भी...
मुंबई: पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे की जयंती पर उनकी बेटी पंकजा मुंडे ने एक रैली का आयोजन किया। भाजपा से नाराज चल रही पूर्व मंत्री पंकजा ने पार्टी के खिलाफ बगावती रुख अपना रखें हैं। इस मुहिम में भाजपा के बागी एकनाथ खड़से भी उनका साथ दे रहे हैंं। विधानसभा चुनाव में हार के बाद पंकजा मुंडे ने भाजपा के नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। माना जा रहा है कि पंकजा मुंडे जल्द ही बड़ा ऐलान कर सकती हैं। एकनाथ खडसे के भाषण के बाद पंकजा मुंडे ने मंच से कहा कि जब चंद्रकांत पाटिल बोलेंगे तो कोई हूटिंग नहीं करेगा।
भाजपा नहीं छोडूंगी, पार्टी फैसला लने को स्वतंत्र
पंकजा मुंडे ने कहा कि वह अब पार्टी की प्रदेश कोर समिति की सदस्य नहीं हैं लेकिन वह संगठन नहीं छोड़ेंगी। पंकजा ने कहा कि भाजपा उनके पार्टी में रहने को लेकर फैसला करने के लिए स्वतंत्र है। उल्लेखनीय है कि पंकजा पिछले पांच साल से अपने पिता की जयंती पर रैली आयोजित करती रहीं हैं लेकिन इस साल राजनीतिक परिस्थितियों की वजह से लोगों में इसको लेकर कौतुहल था। कयास लगाए जा रहे थे कि वह 21 अक्टूबर को चुनाव में मिली आश्चर्यजनक हार के बाद भाजपा छोड़ सकती हैं। इन कयासों को तब बल मिला जब उन्होंने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि राजनीतिक पृष्टभूमि में बदलाव के बाद भविष्य की राह और लोगों की सेवा को लेकर विचार करने की जरूरत है।
भाजपा की कोर समिति की बैठक में भी शामिल नहीं हुई पंकजा
पंकजा मंगलवार को राज्य भाजपा कोर समिति की बैठक में भी शामिल नहीं हुई और गुरुवार को उन्होंने घोषणा की कि वह अब कोर समिति की सदस्य नहीं हैं। अपने भाषण में पंकजा ने हालिया विधानसभा चुनाव में पर्ली सीट से अपने रिश्ते के भाई और राकांपा नेता धनंजय मुंडे से मिली हार का उल्लेख करते हुए कहा कि कुछ भाजपा नेता (परोक्ष रूप से देवेंद्र फडणवीस के लिए) इस सीट से उनकी जीत नहीं चाहते थे। पंकजा ने कहा कि वह जनवरी में पूरे महाराष्ट्र में ‘ मशाल रैली'' निकालेंगी।
गोपीनाथ गड में रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा,‘ मैं अगले साल जनवरी से पूरे महाराष्ट्र में मशाल रैली की शुरुआत करने जा रही हूं। मैं अपने काम की शुरुआत 26 जनवरी को मुंबई स्थित गोपीनाथ मुंडे प्रतिष्ठान से करूंगी।' पंकजा ने कहा, ‘ मैं मराठवाड़ा क्षेत्र की समस्याओं के प्रति सरकार का ध्यान आकर्षित कराने के लिए 27 जनवरी को औरंगाबाद में सांकेतिक अनशन करूंगी।'
महाराष्ट्र भाजपा नेतृत्व में ‘ईर्ष्या-द्वेष' के लक्षण: खडसे
परोक्ष रूप से महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए एकनाथ खडसे ने कहा कि मौजूदा प्रदेश पार्टी नेतृत्व में ‘ईर्ष्या और द्वेष' के लक्षण दिखते हैं। दूसरे कार्यकाल में महज 80 घंटे तक मुख्यमंत्री रह पाने के लिए देवेंद्र फडणवीस पर कटाक्ष करते हुए खडसे ने कहा कि समय- समय पर, चमत्कार होता रहता है। उन्होंने अपना यह आरोप भी दोहराया कि उनकी बेटी रोहिणी खडसे और पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे को इस साल अक्टूबर में प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान हराने के पीछे कोई साजिश थी। उन्होंने कहा कि भाजपा के विकास के लिए जिन लोगों ने काम किया उनकी उपेक्षा की जा रही है और पार्टी में उनका अपमान हो रहा है। हालांकि, खडसे ने कहा कि वह भाजपा से ‘नाखुश नहीं' हैं। खडसे ने कहा, ‘गोपीनाथ मुंडे नेक और उदार नेता थे। हालांकि, मौजूदा पार्टी नेतृत्व में ‘ईर्ष्या और द्वेष' का भाव है।'
हमने कुछ लोगों पर भरोसा किया लेकिन उन्होंने हमसे छल किया:खडसे
खडसे ने कहा, ‘हमने कुछ लोगों पर भरोसा किया लेकिन उन्होंने हमसे छल किया। एक महीने में ही महाराष्ट्र में 80 घंटे के मुख्यमंत्री हुए। समय-समय पर चमत्कार होता रहता है।' उन्होंने दावा किया,‘विधानसभा चुनाव में मेरी जीत सुनिश्चित थी लेकिन मुझे टिकट नहीं दिया गया। इसके उलट मेरी बेटी चुनाव नहीं लड़ना चाहती थी लेकिन उसे लड़ने के लिए मजबूर किया गया।'ओबीसी नेता खडसे ने कहा, ‘एक समय भाजपा का मजाक बनाया जाता था कि यह अगड़ी जातियों और कारोबारियों की पार्टी है, लेकिन वह गोपीनाथ मुंडे थे जिन्होंने अन्य पिछड़ा वर्ग समुदाय के लोगों को पार्टी से जोड़ने का काम किया। उन्होंने ओबीसी के कई नेताओं को उभरने और जगह बनाने में मदद की।