Edited By prachi upadhyay,Updated: 10 Aug, 2019 05:06 PM
लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने इसी सप्ताह संपन्न हुई सत्रहवीं लोकसभा की पहली कार्यवाही के कामकाज को अभूतपूर्व बताया। सत्र के समापन के बाद हुए संवाददाता सम्मेलन में उन्होने कहा, कि इस सत्र में देश की जनता ने सदन की कार्यवाही को बिना किसी व्यवधान के चलते...
नई दिल्ली: लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने इसी सप्ताह संपन्न हुई सत्रहवीं लोकसभा की पहली कार्यवाही के कामकाज को अभूतपूर्व बताया। सत्र के समापन के बाद हुए संवाददाता सम्मेलन में उन्होने कहा, कि इस सत्र में देश की जनता ने सदन की कार्यवाही को बिना किसी व्यवधान के चलते हुए देखा। सभी पक्षों ने अपने विचार रखते हुए चर्चा में हिस्सा लिया। इस दौरान जनता के विषय पर और विधेयक पर चर्चा हुई। इसके साथ ही गैर सरकारी कामों में भी हिस्सा लिया गया। उन्होने कहा कि इससे जनता में सभी जन प्रतिनिधियों को लेकर सकारात्मक धारणा बनी। इसमें सभी दलों का सहयोग प्राप्त हुआ।
स्पीकर ओम बिड़ला ने बताया कि 1952 में पहले सत्र में 32 विधेयक पेश हुए और उसमें 27 विधेयक पारित हुए। वहीं, 17 जून से छह अगस्त तक चले इस सत्र में कुल 33 सरकारी विधेयक विचार के लिए पेश किए गए और 36 विधेयक पारित किए गए। इतना ही नहीं इस सत्र में कुल 37 बैठकें हुईं और करीब 280 घंटे तक कार्यवाही चली। उन्होंने कहा कि इस सत्र में सदन ने 72 घंटे अधिक काम किया और अगर इस पर विचार करें तब 12 दिन अधिक संसद चली।
इसके साथ ही लोकसभा स्पीकर कहा कि, अगले सत्र से संसद की कार्यवाही को पेपरलेस बनाने की दिशा में पहल की जाएगी। जिससे करोड़ों रुपये की बचत होगी। अगले सत्र तक 80 प्रतिशत सदस्यों ने सहमति दी है कि संसद को पेपरलेस बनाने में सहयोग देंगे। उन्होने बताया कि इस दिशा में बात चल रही है और हमारा प्रयास होगा कि संसद के कामकाज को शत-प्रतिशत पेपरलेस बनाया जाए। स्पीकर बिड़ला ने बताया कि कागजी कार्यवाही में कई बार सांसदों को डाक देर से पहुंचने की बात भी सामने आई थी, जिससे उन्हें विधेयकों का अध्ययन करने में समस्या आती थी। पेपरलेस होने से इलेक्ट्रानिक माध्यम से सदस्यों को सामग्री सही समय पर उपलब्ध करायी जा सकेगी।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि जब नये भारत का निर्माण हो रहा है, ऐसे में नये सांसद का भी निर्माण हो। उन्होंने कहा कि वह संसद के नये भवन के संदर्भ में सभी से सुझाव लेंगे। इस संबंध में मीडिया, सांसदों सहित अन्य वर्गो से सुझाव के लिये समिति का गठन करेंगे। ओम बिरला ने कहा ‘हम एक एप तैयार करा रहे हैं जिस पर सदस्यों को संसद से जुड़ी सभी जानकारी उपलब्ध हो सकेंगी। हम 1952 से अब तक के संसद में दिये गए तमाम अच्छे भाषणों का संकलन भी तैयार करा रहे हैं। इसे भी एप पर जारी किया जायेगा।