Edited By shukdev,Updated: 09 Aug, 2018 09:14 PM
लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान ने गुरुवार को कहा कि दलितों और आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार निवारण कानून को मजबूत बनाने के लिए संसद में पारित विधेयक मोदी सरकार को दलित-विरोधी बताने वाले विपक्ष को करारा जवाब है। संसद ने ...
नई दिल्ली: लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान ने गुरुवार को कहा कि दलितों और आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार निवारण कानून को मजबूत बनाने के लिए संसद में पारित विधेयक मोदी सरकार को दलित-विरोधी बताने वाले विपक्ष को करारा जवाब है। संसद ने गुरुवार को एक विधेयक पारित कर उच्चतम न्यायालय के उस आदेश को पलट दिया जिसमें शीर्ष अदालत ने एससी-एसटी कानून के तहत कुछ नरमी दिखाई थी।
राज्यसभा में यह विधेयक आमसहमति से पारित हुआ। केन्द्रीय मंत्री पासवान ने ट्वीट किया, ‘हमें खुशी है कि पुराने अधिनियम में बिना किसी संशोधन के एससी-एसटी विधेयक संसद के दोनों सदनों में पारित हो गया। यह विपक्षी दलों को करार जवाब है जो राजग सरकार को दलित-विरोधी बताते थे।’
दलित समूहों की अन्य मुख्य मांगों के बारे में पासवान ने लिखा है, सरकार पदोन्नति में आरक्षण लागू करने और यूजीसी के उस आदेश को वापस लेने को प्रतिबद्ध है जिसके कारण दलितों और आदिवासियों के कोटे पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा करते हुए पासवान ने कहा कि लोजपा उनका सम्मान करने के लिए 11 अगस्त को धन्यवाद ज्ञापन समारोह का आयोजन करेगी। वहीं पटना में 12 अगस्त को एक अन्य समारोह का भी आयोजन किया जाएगा।