तीन तलाक अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज

Edited By Yaspal,Updated: 02 Nov, 2018 06:52 PM

petition challenging three divorce ordinances rejected in supreme court

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को तीन तलाक पर अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है। केरल स्थित मुस्लिम संगठन समस्त केरल जमीयतुल उलेमा ने इस अध्यादेश की संवै...

नेशनल डेस्कः सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को तीन तलाक पर अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है। केरल स्थित मुस्लिम संगठन समस्त केरल जमीयतुल उलेमा ने इस अध्यादेश की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए इसे निरस्त करने का अनुरोध किया था। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी।

बता दें कि मुस्लिम महिला (विवाह के अधिकारों का संरक्षण) अध्यादेश 19 सितंबर को लागू किया गया था। इससे पहले अध्यादेश को कैबिनेट ने मंजूरी दी थी। तलाक ए बिद्दत के नाम से प्रचलित एक बार में तीन तलाक की प्रथा में एक मुस्लिम शौहर एक ही बार में तीन बार तलाक-तलाक कहकर तलाक दे सकता है।

क्या है अध्यादेश का कानून
पिछले महीने जारी अध्यादेश के अंतर्गत तीन तलाक को गैरकानूनी घोषित करते हुए इस दंडनीय अपराध करार दिया गया था। ऐसा करने पर पति को तीन साल की जेल की सजा हो सकती है। हालांकि सरकार ने कानून का दुरुपयोग की आशंका को दूर करते हुए सरकार ने इसमें आरोपी के लिए जमानत का प्रावधान करने जैसे कुछ सुरक्षा उपाय भी किए हैं। 

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