Edited By Yaspal,Updated: 28 Sep, 2022 06:16 PM
केरल में अच्छा खासा प्रभाव रखने वाले, प्रतिबंधित इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के एक वरिष्ठ नेता बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार की ओर से संगठन को अवैध करार दिए जाने के मद्देनजर अब इसे भंग कर दिया गया है
नेशनल डेस्कः केरल में अच्छा खासा प्रभाव रखने वाले, प्रतिबंधित इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के एक वरिष्ठ नेता बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार की ओर से संगठन को अवैध करार दिए जाने के मद्देनजर अब इसे भंग कर दिया गया है। पीएफआई के प्रदेश महासचिव अब्दुल सत्तार ने संगठन की केरल इकाई के फेसबुक पेज पर पोस्ट साझा की है कि “देश के कानून का पालन करते हुए संगठन गृह मंत्रालय का फैसला स्वीकार करता है।” यह पोस्ट करने के कुछ ही घंटे बाद सत्तार को करुणागपल्ली से पकड़ लिया गया।
सत्तार ने पोस्ट में यह भी कहा कि सभी सदस्य और आम लोगों को बता दिया गया है कि गृह मंत्रालय द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बाद “पीएफआई को भंग कर दिया गया है।” सत्तार ने 23 सितंबर को देशभर में पीएफआई के कार्यालयों पर हुई छापेमारी और नेताओं की गिरफ्तार के विरोध में कथित तौर पर राज्यव्यापी हड़ताल का आह्वान किया था, जिसके बाद से वह फरार था। आज उसे राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंपा जा सकता है। पीएफआई के कार्यकर्ताओं ने 23 सितंबर की हड़ताल के दौरान कथित तौर पर व्यापक हिंसा की थी, जिसके परिणामस्वरूप बसों, सार्वजनिक संपत्ति और यहां तक कि आम लोगों पर हमले भी हुए थे।
एनआईए के नेतृत्व में विभिन्न एजेंसियों की टीमों ने पिछले हफ्ते 15 राज्यों में 93 स्थानों पर छापे मारे थे और देश में आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने के आरोप में पीएफआई के 100 से अधिक नेताओं को गिरफ्तार किया था। सबसे अधिक 22 लोगों की गिरफ्तारी केरल से हुई थी, जहां कुछ स्थानों पर पीएफआई का काफी प्रभाव है। ये गिरफ्तारियां एनआईए, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और संबंधित राज्यों की पुलिस ने की थीं।