10 साल में दूसरी बार चांद पर कदम रखेगा भारत, चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण 15 जुलाई को

Edited By Seema Sharma,Updated: 12 Jun, 2019 06:19 PM

photos of chandrayaan 2 released by isro

इसरो ने अपने महत्वाकांक्षी और बहुप्रतीक्षित स्पेस मिशन चंद्रयान-2 की पहली झलक दिखाई है। इसरो ने 9 से 16 जुलाई के बीच लॉन्च होने वाले मिशन के मॉड्यूल्स की तस्वीरें बुधवार को जारी की हैं। 9 से 16 जुलाई के बीच चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी 384400 किलोमीटर...

हैदराबादः इसरो ने अपने महत्वाकांक्षी और बहुप्रतीक्षित स्पेस मिशन चंद्रयान-2 की पहली झलक दिखाई है। इसरो ने 9 से 16 जुलाई के बीच लॉन्च होने वाले मिशन के मॉड्यूल्स की तस्वीरें बुधवार को जारी की हैं। 9 से 16 जुलाई के बीच चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी 384400 किलोमीटर रहेगी और अगर मिशन सफल हुआ तो अमेरिका, रूस, चीन के बाद भारत चांद पर रोवर उतारने वाला चौथा देश होगा। वहीं तस्वीरों के जारी होने के बाद लोगों का उत्साह काफी बढ़ गया है।

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मिशन चंद्रयान-2 को लेकर खास बातें

  • चंद्रयान-2 के तीन हिस्से हैं, जिनके नाम ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) हैं, इस प्रोजेक्ट की लागत 800 करोड़ रुपए है।
  • चंद्रयान-2 में एक भी पेलोड विदेशी नहीं है, इसके सभी हिस्से पूरी तरह से स्वदेशी हैं, जबकि चंद्रयान-1 के ऑर्बिटर में 3 यूरोप और 2 अमेरिका के पेलोड्स थे।
  • भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो 11 साल बाद एक बार फिर चंद्रमा की सतह को खंगालने के लिए तैयार है।
  • इसरो ने उम्मीद जताई है कि चंद्रयान-2 चंद्रमा पर 6 सितंबर को दक्षिणी ध्रुव के पास उतरेगा।
  • इसरो के मुताबिक ऑर्बिटर मिशन के दौरान चांद का चक्कर लगाएगा और फिर चांद के साउथ पोल के पास लैंड होगा।
  • चांद की सतह पर पहुंचने पर 6 पहियों वाला प्रज्ञान सतह छोड़ दिया जाएगा जहां यह एक्सपेरिमेंट करेगा। ये सब धरती पर बैठे इसरो के साइंटिस्ट कंट्रोल करेंगे।
  • भारत के लूनर मिशन को आगे ले जाने के अलावा चंद्रयान दो अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों की मदद भी करेगा। यह अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा का एक एक्सपेरिमेंट भी लेकर जाएगा।

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उल्लेखनीय है कि चंद्रयान-2 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा। भारत 10 साल में दूसरी बार चांद पर मिशन भेज रहा है। इससे पहले चंद्रयान-1 को 2009 में भेजा गया था। हालांकि तब उसमें रोवर शामिल नहीं था। चंद्रयान-1 में केवल एक ऑर्बिटर और इंपैक्टर था जो चांद के साउथ पोल पर पहुंचा था। इसरो इस बार चंद्रयान-2 को लेकर काफी उत्साहित है।

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