Edited By vasudha,Updated: 13 Oct, 2019 04:54 PM
तमिलनाडु का ऐतिहासिक शहर महाबलीपुरम हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की दोस्ती का गवाह बना। बंगाल की खाड़ी के किनारे बसा ये शहर कई भव्य मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है...
नेशनल डेस्क: मामल्लापुरम समुद्र तट पर सूर्य की तरोताजा करने वाली किरणों, सागर की सरसराती लहरों और सुबह के शांत वातावरण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने विचारों को कविता की माला में पिरोने के लिये प्रेरित किया। मोदी ने कहा कि समुद्र तट पर सैर करते हुए वह सागर के साथ ‘‘संवाद'' में खो गए।
पीएम ने रविवार को हिंदी में टि्वटर पर लिखा कि कल महाबलीपुरम में सवेरे तट पर टहलते-टहलते सागर से संवाद करने में खो गया। ये संवाद मेरा भाव-विश्व है। इस संवाद भाव को शब्दबद्ध करके आपसे साझा कर रहा हूं।' कविता में लिखा 'हे सागर... तुम्हे मेरा प्रणाम!! तू धीर है, गंभीर है, जग को जीवन देता, नीला है नीर तेरा। ये अथाह विस्तार, ये विशालता, तेरा ये रूप निराला। आठ पैराग्राफ में लिखी कविता में मोदी ने सागर के सूर्य से संबंध, लहरों और उनके दर्द को बताया है।
मोदी ने शनिवार को समुद्र तट पर ‘प्लॉगिंग' (सुबह की सैर के दौरान प्लास्टिक की बोतल आदि कचरों को चुनना) का अपना तीन मिनट का एक वीडियो जारी किया जिसमें वह कूड़ा उठाते और लोगों से सार्वजनिक स्थानों को साफ एवं स्वच्छ रखने की अपील कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने लिखा था कि मामल्लपुरम में खूबसूरत तट के किनारे तरोताजा करने वाली सैर और कसरत। हम सभी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सार्वजनिक स्थान साफ एवं सुंदर रहें।