Edited By shukdev,Updated: 21 Nov, 2018 05:44 PM
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ प्राप्त कथित भ्रष्टाचार की शिकायतों के ब्यौरे साझा करने से इनकार कर दिया है। पीएमओ ने कहा कि इस तरह की सूचना मुहैया कराना जटिल कवायद हो सकती है। पीएमओ का यह कथन ऐसे समय में आया है जब देश...
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ प्राप्त कथित भ्रष्टाचार की शिकायतों के ब्यौरे साझा करने से इनकार कर दिया है। पीएमओ ने कहा कि इस तरह की सूचना मुहैया कराना जटिल कवायद हो सकती है। पीएमओ का यह कथन ऐसे समय में आया है जब देश की प्रमुख जांच एजेंसी- केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने केंद्रीय कोयला एवं खनन राज्य मंत्री हरिभाई पार्थीभाई चौधरी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं।
आरटीआई के तहत पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा गया कि पीएमओ को विभिन्न केंद्रीय मंत्रियों एवं उच्च स्तरीय पदाधिकारियों के खिलाफ समय-समय पर भ्रष्टाचार की शिकायतें प्राप्त होती रहती हैं। पीएमओ ने व्हिसल ब्लोअर नौकरशाह संजीव चतुर्वेदी द्वारा दाखिल आवेदन के जवाब में कहा, इनमें छद्मनाम या बेनाम से मिली शिकायतें भी शामिल हैं। प्राप्त शिकायतों में लगाए गए आरोपों/ इल्जामों की सत्यता को देखते हुए और इल्जामों के संबंध में दिए गए दस्तावेजों की उचित जांच की जाती है।’
भारतीय वन सेवा के अधिकारी चतुर्वेदी ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में मुख्य सतर्कता अधिकारी रहते हुए भ्रष्टाचार के कई मामलों को उजागर किया था। आरटीआई आवेदन के जवाब में पीएमओ ने कहा कि जरूरी कार्रवाई करने के बाद रिकॉर्डों को एक जगह नहीं रखा जाता और वे इस कार्यालय की विभिन्न इकाइयों एवं क्षेत्रों में फैले हुए हैं। पीएमओ ने कहा, ये प्राप्त शिकायतें भ्रष्टाचार और गैर-भ्रष्टाचार से जुड़े मुद्दों समेत कई तरह के मामलों से जुड़ी होती हैं। आवेदक ने अपने आवेदन में केवल भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायतों के विवरण मांगे हैं।’
कार्यालय ने कहा, इन सभी शिकायतों को भ्रष्टाचार संबंधी शिकायतों के तौर पर पहचानना, जांचना और श्रेणी में रखना विषयपरक एवं जटिल काम हो सकता है।’ मांगी गई सूचनाओं के मिलान के लिए कई फाइलों की विस्तृत जांच करनी होगी।