राष्ट्रपति चुनाव: किसी ने खुद को बताया 'भगवान', किसी ने 'भगत सिंह' का लिखा नाम

Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Jun, 2017 12:21 PM

presidential election  someone tells himself god in nomination

राष्‍ट्रपति चुनाव के लिए कुल 95 लोगों ने अपने नामांकन दाखिल किए जिनमे से मीरा कुमार और राजग प्रत्याशी रामनाथ कोविंद को छोड़कर 93 लोगों के नामांकनों को अवैध ठहरा दिया गया है।

नई दिल्ली: राष्‍ट्रपति चुनाव के लिए कुल 95 लोगों ने अपने नामांकन दाखिल किए जिनमे से मीरा कुमार और राजग प्रत्याशी रामनाथ कोविंद को छोड़कर 93 लोगों के  नामांकनों को अवैध ठहरा दिया गया है। वहीं नामांकन भरने वालों ने बड़े ही अजीब से तर्क दिए। किसी ने खुद को “ईश्वर” बताया तो किसी ने लिखा कि भगत सिंह उसके प्रस्तावक हैं। 93 लोगों के बाहर होने के बाद अब मुकाबला सिर्फ मीरा कुमार और रामनाथ के बीच है।

खुद को ईश्वर और “सर्वोच्च सत्ता” बताया
पानीपत के रहने वाले देवीदयाल अग्रवाल ने खुद को ईश्वर और “सर्वोच्च सत्ता” बताते हुए अपने नामांकन पत्र में लिखा कि उन्हें 50 विधायकों या सांसदों की प्रस्तावक के रूप में जरूरत नहीं है। अग्रवाल ने लिखा, “मैं ईश्वर और सर्वोच्च सत्ता हो चुका हूं। रामनाथ कोविंद या मीरा कुमार को राष्ट्रपति नहीं बनना चाहिए। क्या उनके पास जादुई शक्ति है?” अग्रवाल ने चेतावनी भी दी कि अगर उनकी अपील नहीं सुनी गई तो नई दिल्ली में भयानक भूकंप आएगा। अग्रवाल ने अपना नामांकन में 24 बार लिखा था कि “मैं ईश्वर हूं।” अग्रवाल ने लिखा, “मुझे ही राष्ट्रपति बनना चाहिए। मैं दुनिया का सबसे बड़ा वैज्ञानिक हूं।” वहीं जब उनका नामांकन रद्द हुआ तो वो संसद के एक अफसर पर बिफर पड़े और कहा, “मैं श्राप देता हूं कि अनर्थ होगा।”

भगत सिंह और विवेकानंद को बताया प्रस्तावक
हरियाणा के जींद के रहने वाले विनोद कुमार ने अपने प्रस्तावकों में भगत सिंह, विवेकानंद, नेल्सन मंडेला, बीआर अंबेडकर, सुभाष चंद्र बोस, जेएफ केनेडी, रोनाल्ड रीगन, मार्टिन लूथर किंग, अब्राहम लिंकन, अल्बर्ट आइंस्टीन और व्लादिमीर लेनिन का नाम लिखा था।

वहीं राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले एक अन्य शख्स ने टाटा, बिरला, अमिताभ बच्चन और लता मंगेशकर को अपना प्रस्तावक बताया।
लोकसभा सूत्रों के अनुसार कुल 95 लोगों ने 108 नामांकन पत्र दायर किए थे। रामनाथ कोविंद और मीरा कुमार ने चार-चार सेट पर्चे भरे थे। 93 लोगों के पर्चे अलग-अलग कारणों से रद्द हो गए और केवल कोविंद और कुमार का पर्चा ही वैध पाया गया। 35 लोगों का नामांकन इलेक्टोरल रोल की प्रमाणित प्रति संलग्न न होने के कारण रद्द कर दिया गया। तो वहीं  कुछ लोग 15 हजार रुपए की जमानत राशि जमा नहीं करवा पाए। बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए 28 जून तक नामांकन किया जा सकता था। नाम वापिसी की तारीख 1 जुलाई है। राष्ट्रपति चुनाव 17 जुलाई को होगा और नतीजे 20 जुलाई को होंगे।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की उम्मीदवार मीरा कुमार का मुकाबला एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद से है। शिक्षा के लिहाज से दोनों उम्मीदवार काबिल हैं। मीरा कुमार अगली पीढ़ी की दलित हैं। वे पूर्व उप-प्रधानमंत्री जगजीवन राम की पुत्री हैं और उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाऊस जैसे प्रतिष्ठ‍ित कॉलेज से पढ़ाई की है। वे 1970 में भारतीय विदेश सेवा के लिए चुनी गई थीं और कई देशों में राजनयिक के रूप में सेवा दे चुकी हैं। दूसरी ओर कोविंद एक कानपुर देहात जिले के एक गांव में साधारण परिवार में पैदा हुए। उन्होंने कानपुर के एक कॉलेज से पढ़ाई की और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ने के बाद राजनीति में प्रवेश किया। उनका प्रशासनिक अनुभव बिहार के राज्यपाल के रूप में है।

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