Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Jan, 2018 08:26 AM
अगर आप महसूस करते हैं कि हसमुख अधिया प्रधानमंत्री मोदी के सबसे चहेते नौकरशाह हैं तो आप गलत हैं। बेशक अधिया गुजराती हैं और मोदी के करीबी हैं तथा अपनी वरिष्ठता के कारण सचिव पद पर बने रहेंगे। जब वह कैबिनेट सचिव बनेंगे तब उनका पक्ष लिया जाएगा।
नेशनल डेस्कः अगर आप महसूस करते हैं कि हसमुख अधिया प्रधानमंत्री मोदी के सबसे चहेते नौकरशाह हैं तो आप गलत हैं। बेशक अधिया गुजराती हैं और मोदी के करीबी हैं तथा अपनी वरिष्ठता के कारण सचिव पद पर बने रहेंगे। जब वह कैबिनेट सचिव बनेंगे तब उनका पक्ष लिया जाएगा। प्रधानमंत्री ने एक बार फिर नौकरशाही को उस समय हैरान कर दिया जब कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने परमेश्वरन अय्यर के पेयजल और सफाई मंत्रालय में सचिव पद के कार्यकाल में वृद्धि कर दी।
अय्यर को सेवानिवृत्ति के बाद लाया गया। अय्यर को 2 वर्ष पूर्व मोदी द्वारा सचिव के पद पर नियुक्त किया गया था। ऐसी आशा थी कि वह सेवानिवृत्त हो जाएंगे लेकिन ऐसा प्रस्ताव दिखाई नहीं देता। मोदी ने उनके कार्यकाल में 30 अप्रैल, 2019 तक वृद्धि कर दी है। अय्यर के सचिव पद पर बने रहने को समर्थन देने के लिए मोदी सरकार ने सैंट्रल स्टाफिंग स्कीम से पेयजल और सफाई मंत्रालय का सचिव पद ही खत्म कर दिया। इसका सीधा अर्थ है कि एक नियमित आई.ए.एस. अधिकारी इस पद के लिए तब तक योग्य नहीं होगा जब तक वह इस पद पर बना रहेगा।