Edited By Yaspal,Updated: 22 Sep, 2020 09:22 PM
राज्यसभा में मंगलवार को 7 विधेयकों को मंजूरी दी गई, इसमें इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी लॉ (अमेंडमेंट) बिल 2020 और एसेंसियल कमोडिटीज (अमेडमेंट बिल) 2020 (आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक) शामिल हैं। इसके अलावा जिन विधेयकों को सदन ने...
नई दिल्लीः राज्यसभा में मंगलवार को 7 विधेयकों को मंजूरी दी गई, इसमें इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी लॉ (अमेंडमेंट) बिल 2020 और एसेंसियल कमोडिटीज (अमेडमेंट बिल) 2020 (आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक) शामिल हैं। इसके अलावा जिन विधेयकों को सदन ने मंजूरी दी, उनमें द बैंकिंग रेगुलेशन (अमेंडमेंट बिल 2020), द कंपनी (अमेंडमेंट) बिल 2020, द नेशनल फोरेंसिंक साइसेंस यूनिवर्सिर्टी बिल 2020, राष्ट्रीय रक्षा यूनिवसिर्टी बिल 2020 और द टेक्ससेशन एंड अदर लॉ बिल 2020 शामिल हैं। विपक्ष की गैरमौजूगी में उच्च सदन ने इन बिलों को मंजूरी दी।
गौरतलब है कि रविवार को दो कृषि विधेयक को पारित करने की प्रक्रिया के दौरान राज्यसभा में विपक्षी सांसदों ने जमकर हंमामा किया था, जिसके फलस्वरूप आठ सांसदों को निलंबित कर दिया गया था, जो कल दिन से ही संसद परिसर में धरने पर बैठे हुए हैं। राज्यसभा से सोमवार को निलंबित किए गए आठ सांसदों के निलंबन को वापस लेने की गुज़ारिश के साथ विपक्ष ने मंगलवार को राज्यसभा का बहिष्कार करने को लेकर ऐलान कर दिया है। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि जब तक इन सांसदों का निलंबन वापस नहीं लिया जाता है, विपक्ष राज्यसभा की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेगा।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष आजाद ने मंगलवार को इन निलंबित सांसदों से मुलाकात की और इसके बाद अपनी मांगें सामने रखीं। उन्होंने कहा कि 'हमने राज्यसभा में कांग्रेस पार्टी की तरफ से तीन महत्वपूर्ण मांगें रखी हैं। पहली मांग है कि सरकार एक नया बिल लाए जिसमें यह बात सुनिश्चित की जाए कि कोई भी प्राइवेट कंपनी MSP के नीचे किसानों से कोई उपज नहीं खरीद सकती हैं। हमारी दूसरी मांग है कि स्वामीनाथन फार्मूला के तहत MSP देश में तय हो। तीसरी मांग है कि भारत सरकार, राज्य सरकार या फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यह सुनिश्चित करें कि किसानों से निर्धारित MSP की रेट पर ही है उनकी उपज खरीदी जाए। जब तक यह तीनों मांगें नहीं मानी जातीं हम सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करेंगे।