Edited By vasudha,Updated: 25 Dec, 2018 12:04 PM
गुजरात के पालनपुर शहर से ऐसा मामला सामने आया है जिसने सरकारी अफसरों की नींद उड़ा दी। यहां एक परिवार आठ साल से कुत्ते के नाम पर सरकारी राशन ले रहा था। कुत्ते की मौत के बाद इस पूरे मामले का खुलासा हुआ जिससे तहसीलदार कार्यालय में हड़कंप मच गया...
नेशनल डेस्क: गुजरात के पालनपुर शहर से ऐसा मामला सामने आया है जिसने सरकारी अफसरों की नींद उड़ा दी। यहां एक परिवार आठ साल से कुत्ते के नाम पर सरकारी राशन ले रहा था। कुत्ते की मौत के बाद इस पूरे मामले का खुलासा हुआ जिससे तहसीलदार कार्यालय में हड़कंप मच गया।
जानकारी के अनुसार ये परिवार बेहद गरीब है। घर की नई बहू का नाम जुड़वाने के लिए वह कई बार तहसीलदार कार्यालय के चक्कर लगा चुका थे लेकिन इनकी सुनवाई नहीं हुई। उनकी बहू का नाम राशन कार्ड में दर्ज नहीं किया जा रहा था। सरकारी अफसरों के कामकाज से तंग आकर महिला ने कहा कि यदि राशन कार्ड में कालू कुत्ते का नाम लिख सकते हो तो मेरा क्यों नहीं लिख रहे हो।
जब कर्मचारियों ने इसकी जांच की तो सामने आया कि 8 साल पहले जनगणना करने पहुंची टीम ने कुत्ते का नाम राशन कार्ड में दर्ज किया था। परिवार के लोग कालू के नाम पर आठ साल तक सरकारी दुकान से सस्ता राशन खरीदते रहे अब कुत्ते की मौत भी हो चुकी है।
वहीं अफसरों ने सफाई देते हुए कहा कि जनगणना के वक्त जब सरकारी कर्मचारी मुगलीबेन परमार के घर पहुंचे तो उन्होंने परिवार के सदस्य का नाम कालू लिखवा दिया था। हालांकि, अब शिकायत मिलने पर तहसीलदार कार्यालय ने परिवार का नया राशन कार्ड बनवाया।