आरबीआई गवर्नर बोले - महंगाई को लेकर हैं पूरी तरह सतर्क, UPI की सफलता दुनिया के लिए रोल मॉडल

Edited By Yaspal,Updated: 09 Nov, 2023 07:38 PM

rbi governor said  fully alert about inflation

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्रीय बैंक पूरी तरह से सतर्क है और मौद्रिक नीति का रुख आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के साथ महंगाई को काबू में लाने पर है

नेशनल डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्रीय बैंक पूरी तरह से सतर्क है और मौद्रिक नीति का रुख आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के साथ महंगाई को काबू में लाने पर है। सरकार ने केंद्रीय बैंक को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई को दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी दी हुई है। दास ने तोक्यो में एक संगोष्ठी में आरबीआई के वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिन टेक) परिवेश का जिक्र करते हुए कहा कि यह ग्राहक केंद्रित है। उन्होंने कहा कि बेहतर संचालन व्यवस्था, प्रभावी निरीक्षण, नैतिक रूप से उपयुक्त गतिविधियां और जोखिम प्रबंधन सुनिश्चित करने और स्व-नियामक संगठन (एसआरओ) के माध्यम से फिनटेक के स्व-नियमन को प्रोत्साहित करने पर ध्यान है।

दास ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने अपनी अक्टूबर की बैठक में 2023-24 के लिये खुदरा महंगाई 5.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, जो 2022-23 के 6.7 प्रतिशत से कम है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई सितंबर में घटकर तीन महीने के निचले स्तर पर आ गयी है। अक्टूबर महीने का महंगाई का आंकड़ा 13 नवंबर को जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हालांकि सकल (हेडलाइन) महंगाई खाद्य कीमतों के झटकों को लेकर संवेदनशील बनी हुई है। वहीं मुख्य (कोर) महंगाई जनवरी, 2023 में अपने उच्चस्तर पर पहुंचने के बाद 1.70 प्रतिशत नीचे आ चुकी है।

आरबीआई गवर्नर ने कहा, ‘‘इन परिस्थितियों में मौद्रिक नीति का रुख सतर्क बना हुआ है और आर्थिक वृद्धि को समर्थन देते हुए महंगाई को लक्ष्य के अनुरूप रखने को कीमतों को नीचे लाने की दिशा में काम कर रही है।'' मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने मुख्य नीतिगत दर रेपो को अक्टूबर में द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। यह लगातार चौथी बार था, जब रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया गया। एमपीसी की अगली बैठक दिसंबर की शुरुआत में होने वाली है।

दास ने यह भी कहा कि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) ने भारत में फिनटेक क्रांति में अभूतपूर्व भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि इसकी सफलता की कहानी वास्तव में एक अंतरराष्ट्रीय मॉडल बन गई है। ‘मोबाइल एप्लिकेशन' के माध्यम से बैंक खातों के बीच तुरंत धन का अंतरण करने की इसकी क्षमता ने लोगों के डिजिटल लेनदेन के तरीके को बदल दिया है।

दास ने जापान के तोक्यो में उद्योग मंडल तोक्यो चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में भारतीय आर्थिक अध्ययन संस्थान की भारतीय अर्थव्यवस्था पर संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘इसके अलावा यूपीआई को अन्य देशों की तेज भुगतान प्रणालियों के साथ जोड़ने का भी काम जारी है। फिनटेक का लाभ उठाने और सीमापार से भुगतान को अधिक कुशल और सस्ता बनाने के लिये भारत और जापान की तेज भुगतान प्रणालियों को जोड़ने की संभावना का पता लगाया जा सकता है।''

भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन के बारे में दास ने कहा कि यह ‘संतोष की बात' है कि हाल के वर्षों में उतार-चढ़ाव भरे हालात में भी यह सुगमता से आगे बढ़ी है। उन्होंने कहा, ‘‘अपनी अंतर्निहित मजबूती और सूझबूझ के साथ नीतिगत उपायों से वृद्धि को गति और मजबूती मिल रही है। साथ ही महंगाई भी काबू में आ रही है। हमारा आर्थिक प्रदर्शन महामारी के समय से सोच-विचार कर किये गये उपायों, उपयुक्त मौद्रिक तथा राजकोषीय नीतियों के दम पर बेहतर रहा है।'' हालांकि, दास ने यह भी कहा कि मौजूदा अनिश्चित माहौल में आत्मसंतुष्टि की गुंजाइश नहीं है।

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