Edited By Mahima,Updated: 24 May, 2024 02:38 PM
![refused to be admitted to hospital](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_5image_14_37_342308917baby-ll.jpg)
मध्य प्रदेश के एक जिला अस्पताल में एनेस्थेटिस्ट के ना हेने के कारण भर्ती करने से इनकार करने के बाद एक 30 वर्षीय महिला ने ऑटो रिक्शा में एक बच्चे को जन्म दिया।
नेशनल डेस्क: मध्य प्रदेश के एक जिला अस्पताल में एनेस्थेटिस्ट के ना हेने के कारण भर्ती करने से इनकार करने के बाद एक 30 वर्षीय महिला ने ऑटो रिक्शा में एक बच्चे को जन्म दिया। बाद में मां और बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया गया और अब वे ठीक हैं। इसके कारण जिला अधिकारी ने घटना की जांच के आदेश दिए और कहा कि अगर कोई दोषी पाया गया तो कार्रवाई की जाएगी।
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले से ताल्लुक रखने वाले दिनेश सिलावट ने कहा कि वह कुछ दिनों से नीमच जिले में रह रहे हैं और कंबल बेचने का काम कर रहे हैं। बुधवार दोपहर करीब ढाई बजे उनकी पत्नी रजनी को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई तो वह उन्हें रिक्शे से जिला अस्पताल ले गए। उन्होंने दावा किया कि अस्पताल के कर्मचारियों ने उनसे अपनी पत्नी को उदयपुर, राजस्थान ले जाने के लिए कहा।
सिलावट ने कहा, "मेरे बार-बार अनुरोध करने के बावजूद, वे नहीं माने और महिला कर्मचारियों ने हमें अस्पताल छोड़ने के लिए कहा। जैसे ही हम शाम 4 बजे के आसपास अस्पताल से बाहर आए, मेरी पत्नी ने ऑटो रिक्शा में बच्चे को जन्म दिया।" उन्होंने कहा, "जब मेरी पत्नी ने बच्चे को जन्म दिया तो कुछ नेकदिल लोगों ने उसे गोपनीयता प्रदान करने के लिए चादरों की व्यवस्था की।"
सिलावट ने कहा, जब अस्पताल के कर्मचारियों को प्रसव के बारे में पता चला, तो उन्होंने उसे और नवजात शिशु को अस्पताल में रहने दिया।इस बीच, प्रसूति विभाग के प्रमुख डॉ. लाड धाकड़ ने कहा कि एनेस्थेटिस्ट छुट्टी पर हैं, जिसके चलते वहां सिजेरियन डिलीवरी नहीं हो सकीं। उन्होंने कहा कि अस्पताल में नियमित ड्यूटी के लिए भी पर्याप्त डॉक्टर नहीं हैं। "मेरी ड्यूटी 2 बजे तक थी। उसके बाद महिला को अस्पताल लाया गया। जब स्टाफ ने मुझे बताया तो मैंने जाकर उसे देखा। उसका ब्लड प्रेशर बढ़ रहा था।" परिवार वालों को बताया गया कि उसे किसी बड़े अस्पताल ले जाना होगा, लेकिन वे वहीं रुके रहे। हम जोखिम से बचने के लिए ऐसे गंभीर मरीजों को भर्ती नहीं करते हैं।"