Edited By Anu Malhotra,Updated: 25 Apr, 2025 08:09 AM
विश्व के सबसे सम्मानित और प्रभावशाली धार्मिक नेताओं में शुमार, रोमन कैथोलिक चर्च के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप फ्रांसिस के निधन की खबर ने पूरी दुनिया को शोक में डुबो दिया है। उनकी सादगी, सेवा और मानवता के लिए दिए गए संदेशों ने करोड़ों दिलों को छुआ, और अब...
नेशनल डेस्क: विश्व के सबसे सम्मानित और प्रभावशाली धार्मिक नेताओं में शुमार, रोमन कैथोलिक चर्च के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप फ्रांसिस के निधन की खबर ने पूरी दुनिया को शोक में डुबो दिया है। उनकी सादगी, सेवा और मानवता के लिए दिए गए संदेशों ने करोड़ों दिलों को छुआ, और अब उनके जाने से एक युग का अंत सा महसूस हो रहा है। इस दुखद अवसर पर राजस्थान के सभी कैथोलिक विद्यालयों में 26 अप्रैल को अवकाश घोषित किया गया है। यह निर्णय धर्मप्रांतीय स्तर पर लिया गया है, ताकि छात्र-शिक्षक समुदाय उन्हें श्रद्धांजलि दे सकें और उनके जीवन से प्रेरणा ले सकें।
वेटिकन से दुनिया तक-पोप फ्रांसिस की विरासत अमर
पोप फ्रांसिस का 21 अप्रैल को निधन हुआ। वे वेटिकन सिटी के राष्ट्राध्यक्ष और विश्वभर में फैले कैथोलिक समुदाय के आध्यात्मिक गुरु थे। उनके निधन से न केवल ईसाई समाज, बल्कि समस्त मानवता ने एक प्रेरणास्रोत को खो दिया है। भारत में भी उनके प्रति गहरी श्रद्धा और सम्मान व्यक्त किया जा रहा है।
जयपुर में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन
25 अप्रैल की शाम 6 बजे जयपुर के मालवीय नगर स्थित सेंट एंसलम्स पिंक सिटी स्कूल के गिरजाघर प्रांगण में एक विशेष शोक सभा का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान पोप फ्रांसिस के जीवन मूल्यों, उनके करुणा भरे संदेशों और समाज के लिए उनके योगदान पर चर्चा की जाएगी।
शांति और मानवता का पुजारी चला गया, लेकिन उसके विचार अमर हैं
पोप फ्रांसिस को विश्वभर में उनके सहज व्यवहार, गरीबों और वंचितों के प्रति करुणा, तथा पर्यावरण और शांति के लिए दिए गए संदेशों के लिए याद किया जाएगा। वे केवल धर्मगुरु नहीं, बल्कि एक वैश्विक नेता थे जिन्होंने सियासत से ऊपर उठकर सेवा को प्राथमिकता दी।