Edited By shukdev,Updated: 13 Jan, 2020 11:17 PM
इंटरनेट पर भूलकर भी चाइल्ड पोर्नोग्राफी सर्च न करें और न ही इससे संबंधित सामग्री किसी को भेजें। क्योंकि, ऐसा करते ही आपका मोबाइल या कंप्यूटर और लैपटॉप एक खुफिया एजेंसी के रडार पर आ जाएगा। जिसे केंद्र सरकार ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर रोक लगाने के लिए...
नई दिल्ली: इंटरनेट पर भूलकर भी चाइल्ड पोर्नोग्राफी सर्च न करें और न ही इससे संबंधित सामग्री किसी को भेजें। क्योंकि, ऐसा करते ही आपका मोबाइल या कंप्यूटर और लैपटॉप एक खुफिया एजेंसी के रडार पर आ जाएगा। जिसे केंद्र सरकार ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर रोक लगाने के लिए इसकी निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी है। यह एजेंसी देश में कहीं भी ऐसी सामग्री ब्राउज, डाउनलोड या साझा करने पर संबंधित व्यक्ति को चिह्नित करने में सक्षम है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश के सभी साइबर क्राइम थानों को ऐसा कोई भी मामला सामने आने पर इसे गंभीरता से लेते हुए तत्काल मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। साथ ही एक एजेंसी को चाइल्ड पोर्नोग्राफी से संबंधित सामग्री का आदान-प्रदान और इस्तेमाल करने वालों को चिह्नित करने की जिम्मेदारी सौंपी है। यह एजेंसी अपनी रिपोर्ट सीधे गृह मंत्रालय को भेजती है। जहां से संबंधित राज्य को कार्रवाई के निर्देश दिए जाते हैं। ऐसे में छोटी-सी गलती आपको बड़ी मुश्किल में डाल सकती है।
इसी एजेंसी ने उत्तराखंड में भी एक व्यक्ति पर पोर्नोग्राफी का पहला मुकदमा दर्ज किया है जो अल्मोड़ा जिले का रहने वाला है। एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, किशन सिंह ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी का वीडियो इंटरनेट से डाउनलोड करके अपने साथियों को सोशल साइट पर भेजा था. इस पर एनसीआरबी ने देहरादून साइबर पुलिस स्टेशन को मामले की जांच करके आरोपित पर कार्रवाई के लिए निर्देशित किया।