Kabir Singh Movie review: इश्क और बर्बादी की खूबसूरत कहानी में शाहिद का दमदार अभिनय

Edited By Chandan,Updated: 21 Jun, 2019 02:26 PM

shahid kapoor and kiara advani film kabir singh movie review

इश्क एक ऐसा जुनून है जिसे आप चाहते हैं उसे पाने के लिए आपको किसी भी हद से गुजरना पड़ता है। प्यार, ब्रेकअप और जुदाई की दीवानगी पर बनी फिल्म कबीर सिंह में भी कियारा के इश्क में शाहिद कपूर ने दीवानगी की हर हद पार की है।

फिल्म - कबीर सिंह
निर्देशक- संदीप रेड्डी वंगा
स्टारकास्ट - शाहिद कपूर, कियारा आडवाणी, सुरेश ओबेरॉय, निकिता दत्ता, अर्जन बाजवा
रेटिंग - 3.5 (***1/2) 

नई दिल्ली/चंदन जायसवाल। इश्क एक ऐसा जुनून है जिसे आप चाहते हैं उसे पाने के लिए आपको किसी भी हद से गुजरना पड़ता है। प्यार, ब्रेकअप और जुदाई की दीवानगी पर बनी फिल्म कबीर सिंह में भी कियारा के इश्क में शाहिद कपूर ने दीवानगी की हर हद पार की है।  

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

Trailer out on 13th May! #KabirSingh . . @kiaraaliaadvani @sandeepreddy.vanga #BhushanKumar @muradkhetani #KrishanKumar @ashwinvarde @tseries.official @cine1studios @kabirsinghmovie

A post shared by Shahid Kapoor (@shahidkapoor) on May 8, 2019 at 12:20am PDT

 

बेइंतहा इश्क करने, इश्क में कुर्बान हो जाने वाले प्रेमी और इश्क में तबाह हो जाने वाले प्रेमी। इश्क के ऐसे कई स्वरूप बॉलीवुड ने हमें समय-समय पर दिखाए हैं लेकिन कबीर सिंह Kabir Singh का इश्क एक सिरफ‍िरे आशिक की कहानी है जो अपने प्‍यार को पाने के ल‍िए हर हद पार करता है और जब प्‍यार नहीं मिलता तो उसकी याद में डूब कर अपनी बर्बादी की तरफ जाने लगता है।  

 

तेलुगू फिल्म अर्जुन रेड्डी का हिंदी रीमेक कबीर सिंह Kabir Singh में शाहिद की दमदार एक्टिंग देखने लायक है।  इसमें कोई शक नहीं है कि ये शाहिद के करियर की सबसे अच्छी परफॉर्मेंस है। हालांकि उनके रोल को समझने में दर्शकों को शुरुआत में थोड़ी तकलीफ हो सकती है मगर फिल्म के अंत तक लोग उनके किरदार के साथ रिलेट भी कर सकेंगे। इस फ‍िल्‍म की सबसे खास बात ये है कि 3 घंटे से भी लंबी कहानी होने के बावजूद भी ये आपको बोर नहीं करेगी।'

 

कहानी: -  कबीर सिंह ((Shahid Kapoor) दिल्ली के एक मेडिकल कॉलेज का छात्र है। उसे अपने गुस्से पर काबू करना नहीं आता है। कॉलेज में उसे अपनी जूनियर प्रीति ((Kiara Advani) से प्यार हो जाता है। प्रीति का परिवार कबीर और उसके रिश्ते के खिलाफ होता है और प्रीति की शादी किसी और व्यक्ति के साथ करा दी जाती है। इस वजह से कबीर को गहरा सदमा लगता है और उसे नशे की लत लग जाती है। कबीर की इन हरकतों की वजह से उसके पिता (सुरेश ओबेरॉय) उसे घर से निकाल देते हैं।

 

इसके बाद वह मुंबई में अपनी डॉक्‍टरी पर फोकस करता है। शराब के कारण तबियत खराब होती जाती है और नशे में एक मरीज का इलाज करने के आरोप में उस पर पांच साल का प्रतिबंध लग जाता है। प्रीति उसकी जिंदगी से जा चुकी होती है फ‍िर भी उसे पाने का जुनून उसके सिर पर सवार होता है। पटरी से उतरी जिंदगी, परिवार से हुए अलगाव को वह कैसे संभालता है, प्रीति उसकी जिंदगी में वापस आती है या नहीं, यही है कबीर सिंह की कहानी।

 

एक्टिंग: - कबीर सिंह Kabir Singh के रोल में शाहिद कपूर (Shahid Kapoor)ने जो ऐक्टिंग की है, इसे उनका अब तक का शानदार परफॉर्मेंस कह सकते हैं। इससे पहले लगता था कि शाहिद कपूर का काम ‘हैदर’ में सबसे अच्छा है लेकिन ‘कबीर सिंह’ देखने के बाद आपकी राय बदल जाएगी। कबीर के ग़ुस्से को, प्यार को और जुनून को शाहिद ने जिस तरह परदे पर उतारा है शायद और कोई ये स्वैग परदे पर नहीं ला सकता था। वहीं, कियारा आडवाणी (Kiara Advani) प्रीति के रोल में काफी जंच रही हैं। फ़िल्म में उनके डायलॉग्स बहुत कम हैं, लेकिन कियारा ने बिना बोले ही प्रीति के किरदार को बख़ूबी जिया है।

 

शाहिद और कियारा की केमिस्ट्री बढ़िया है। उनका प्यार, उनका एक दूसरे को लेकर जुनून और पागलपन आपके सीने में उतर जाता है। फिल्म में एक और किरदार जिसने सबसे असरदार काम किया है वो है कबीर सिंह के दोस्त बने शिवा सोहम मजूमदार soham majumdar ने। सोहम ने कमाल का काम किया है। शिवा जैसा दोस्त हर कोई अपनी जिंदगी में चाहेगा। कबीर के साथ पढ़ने से लेकर उसकी जिंदगी बचाने और बसाने की कोशिश तक शिवा ने कमाल किया है। फिल्म के कुछ सीन्स में निकिता दत्ता भी है। उन्होंने भी अपने किरदार के साथ न्याय किया है। 

 

निर्देशन: - जैसा कि आप जानते हैं 'कबीर सिंह' साउथ की फिल्म 'अर्जुन रेड्डी' की रीमेक है। इस फिल्म का निर्देशन 'अर्जुन रेड्डी' के डायरेक्टर संदीप रेड्डी वांगा Sandeep Reddy Vanga ने ही किया है। संदीप ने दर्शकों को पूरी फिल्म में बांधे रखने में सफल साबित हुए हैं। कबीर सिंह की लाइफ़ में जितने भी लोग हैं, उसकी माँ, पिता (सुरेश ओबेरॉय), कबीर की दादी उसके दोस्त हर किरदार आपको रीयल लगेगा और इसका क्रेडिट भी संदीप को जाता है। संदीप ने छोटी से छोटी चीज़ों का ध्यान रखा है।

 

म्यूजिक:- फिल्म का संगीत और बैकग्राउंड म्यूजिक दमदार है। 'तुझे कितना चाहने लगे' और 'बेख्याली' जैसे गाने आपको जरुर पसंद आएंगे। गाने इरशाद कामिल, मनोज मुंतशिर, कुमार और मिथुन ने लिखे हैं जबकि विशाल मिश्रा, अखिल सचदेवा, मिथुन ने इन्‍हें अपनी आवाज दी है। 

 

कुल मिलाकर शाहिद कपूर की बढ़िया एक्टिंग, कियारा की सादगी, सोहम का कबीर की परवाह और बेहतरीन म्यूजिक के लिए आप इस फिल्म को जरूर देख सकते हैं। 

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