Edited By prachi upadhyay,Updated: 14 Aug, 2019 01:57 PM
50 के दशक में अपना फिल्मी सफर शुरू करनेवाले शम्मी कपूर का चार्म किसी रॉकस्टार से कम नहीं था। उनका डांसिग स्टाइल, डायलोग डिलिवरी और नशीली आंखें, दर्शकों को दीवाना बनाने के लिए काफी थी। 1931 को जन्मे शमशेर राज कपूर उर्फ शम्मी ने आज ही के दिन साल 2011...
नेशनल डेस्क: 50 के दशक में अपना फिल्मी सफर शुरू करनेवाले शम्मी कपूर का चार्म किसी रॉकस्टार से कम नहीं था। उनका डांसिग स्टाइल, डायलोग डिलिवरी और नशीली आंखें, दर्शकों को दीवाना बनाने के लिए काफी थी। 1931 को जन्मे शमशेर राज कपूर उर्फ शम्मी ने आज ही के दिन साल 2011 में इस दुनिया को अलविदा कह दिया था।
एयरोनॉटिकल इंजिनियरिंग से एक्टर
शम्मी बचपन में एयरोनॉटिकल इंजीनियर बनना चाहते थे। लेकिन, जब पढ़ाई की बात आती तो उनके तोतो उड़ने लगते थे। इतना ही नहीं, उनके पिता पृथ्वीराज कपूर के थियेटर में जब चाइल्ड आर्टिस्ट की जरूरत पड़ती तो पापा उनको साथ ले जाते। ऐसे में पढ़ाई में वैसे की कम मन लगता था, ऊपर से रातभर के शूट के बाद सुबह स्कूल में ही झपकी मार लिया करते थे। जिसके बाद टीचर से डांट पड़ती और इसी चक्कर में उन्होने कई स्कूल बदले लेकिन ना पढ़ाई में मन लग पाया और ना ही स्कूल में। जिसके बाद तय हुआ कि अब एक्टिंग में ही करियर संवारना है। इसके बाद उन्होने पृथ्वी थिएटर ज्वाइन कर लिया, पिता का थिएटर होने के बावजूद वो 50 रुपए महीने पर काम करते थे। कुछ वक्त जूनियर आर्टिस्ट के तौर पर काम करने के बाद, उन्होने एक्टिंग शुरू की।
जब कहा गया कि, ‘शम्मी तो राज कपूर की नकल करता है’
एक्टिंग की शुरूआती दौर में शम्मी कपूर पर अपने बड़े राज कपूर का काफी प्रभाव था और उनकी एक्टिंग में वो नजर भी आता था। जिसके बाद लोगों ने कहना शुरू कर दिया कि ये तो अपने बड़े भाई की नकल करता है। जिसका परिणाम ये हुआ कि शुरूआत में उनकी लगातार 20 से ज्यादा फिल्मे फ्लॉप हो गई। जिसके बाद शम्मी ने अपनी चाल-ढाल, एक्टिंग का तरीका और अपना आईक़ॉनिक डांसिंग स्टाइल इजाद किया। जिसने उन्हे सफलता के शिखर पर पहुंचा दिया।
आधी रात में शादी करने पहुंचे मंदिर, लिपस्टिक से भरी मांग
1956 में फिल्म रंगीन रातों के सेट पर शम्मी की मुलाकात गीता बाली से हुई। गीता उस वक्त की बड़ी स्टार थी। और फिल्म की शूटिंग के दौरान शम्मी को गीता से प्यार हो गया। जिसके बाद शम्मी ने कई बार गीता को शादी के लिए पूछा, लेकिन गीता हर बार मना कर देती। ऐसे ही एक बार आधी रात को शम्मी ने फिर से गीता को शादी के लिए पूछा तो गीता ने हां कर दी लेकिन एक शर्त पर। शर्त ये थी कि शादी अभी आधी रात को ही होगी वरना नहीं होगी, शम्मी चौंक गए। लेकिन शादी तो करनी थी। तो आधी रात को ही फटाफट निकले, मंदिर ढूंढा। फिर जब मंदिर पहुंचे तो सुबह तक पंडित का इतंजार किया। फिर जैसे ही मंदिर खुला शादी हुई, लेकिन फिर एक और दिक्कत आ गई, मांग भरने के सिंदूर नहीं था, जिसके बाद शम्मी ने गीता बाली की लिपस्टिक से उनकी मांग भरी।
शम्मी कपूर अपने खुशमिजाज स्वभाव और जिंदादिल रवैये के लिए जाने जाते थे। उनकी आभा कुछ ऐसी थी कि वो जब भी कही भी जाते थे तो वहां का माहौल बेहद खुशनुमा और जिंदादिल हो जाता था।