शनि, मंगल का मिलन खून के आंसू रुलाएगा

Edited By ,Updated: 29 Feb, 2016 10:53 AM

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22 फरवरी को मंगल अपनी स्वराशि वृश्चिक में प्रवेश कर चुका है जहां पहले से शनि विराजमान है।

नई दिल्ली: 22 फरवरी को मंगल अपनी स्वराशि वृश्चिक में प्रवेश कर चुका है जहां पहले से शनि विराजमान है। इस राशि में दोनों का मिलन पूरे विश्व को युद्ध, आग, अग्निकांड, राजनीतिक उथल-पुथल, हत्याएं, षड्यंत्र, आतंकवाद, दुर्घटनाएं, प्राकृतिक आपदाएं एवं कई देश, नेता, सरकारों के लिए खून के आंसू रुला दे तो कोई आश्चर्य नहीं होगा। गुरु, राहु का चांडाल योग अग्नितत्व राशि सिंह में आरम्भ हो चुका है जिस कारण भारत में दंगे, आंदोलन व मंदी का आलम आरम्भ हो चुका है। शनि मंगल का मिलन इस बार लोगों को खून के आंसू रुलाएगा।

22 फरवरी की कुंडली का अध्ययन करने से ऐसा स्पष्ट हो रहा है कि शुभ ग्रहों की शुभता एवं उनका प्रभाव अशुभ ग्रहों के साथ आने से क्षीण होता जाएगा व क्रूर एवं पाप ग्रहों का दुष्प्रभाव अधिक देखने को मिलेगा। सूर्य की सिंह राशि में गुरु, राहु का चांडाल योग देश में चांडाल प्रवृत्ति धर्म, राजनीति या कोई भी क्षेत्र हो, में इतनी बढ़ जाएगी कि सरकार चाह कर भी कुछ नहीं कर पाएगी। धूर्त व पाखंडी लोग जनता को मूर्ख बनाते जाएंगे, ऐसा 11 अगस्त, 2016 तक चलेगा। जनता सिर पीटती रह जाएगी जब उसे लगेगा कि वह छली गई।

गुरु-राहु का चांडाल योग तीव्र गति से विश्व को मंदी के सागर में ले जाएगा, वहीं दूसरी ओर विश्व का काला धन व बड़े लोग सब्जबाग दिखाकर दुनिया को मूर्ख बनाकर लूटते जाएंगे। धर्म की आड़ में पाखंडियों की तूती बोलेगी व अर्थव्यवस्था को संभालने में विश्व के कई देशों को पसीना आ जाएगा क्योंकि शनि की क्रूर व शत्रु दृष्टि राहु पर होगी। सामने शत्रु राशि कुंभ में सूर्य का भ्रमण केतु के साथ होगा जिस कारण पूरा विश्व भयंकर गर्मी, जल संकट व विपरीत ऋतु से त्राहित होगा।

9 मार्च, 2016 को शनि की कुंभ राशि में सूर्य, चंद्र, बुध, शुक्र, केतु एवं उसके सामने सिंह राशि स्थित गुरु, राहु, शनि 7 ग्रहों की आमने-सामने दृष्टि और मंगल की चतुर्थ दृष्टि सूर्य पर अजीबो-गरीब मौसम, लोक व्यवहार, अनिश्चितता, दुर्घटना व प्राकृतिक आपदा का संकेत दे रहा है।

भारत की कुंडली पर इसका प्रभाव अध्ययन करने से ऐसा प्रतीत होता है कि 22 फरवरी, 2016 से चतुर्थ प्रजा स्थान में गुरु, राहु, चांडाल योग से जनता कष्ट में रहेगी एवं 11 अगस्त, 2016 को गुरु कन्या राशि में प्रवेश करने तक देश में दंगे-फसाद, महामारी, महिलाओं पर अत्याचार व नेताओं पर अति संकटकालीन समय रहेगा। कई प्रदेशों में सत्ता परिवर्तन व 23 मार्च, 2016 के पश्चात केन्द्र सरकार में भारी फेरबदल के आसार दिख रहे हैं क्योंकि शनि, मंगल सप्तम भागीदार स्थान में होने से आंतरिक असंतोष बढ़ेगा। कई मंत्रियों का विभाग छीन लिया जाएगा, नेता निरंकुश, उग्र होते जाएंगे। 

वहीं चतुर्थ मंगल की दृष्टि सूर्य पर होने से सरकार अत्यंत ही कठोर व उग्र कदम उठाएगी जिससे और मुसीबत का सामना करना पड़ेगा क्योंकि शनि की दशम दृष्टि चतुर्थ भाव स्थित राहु, गुरु पर पडऩे से जनता उग्र हो जाएगी। युवा, मजदूर, किसान, धर्मांध लोग उग्र आंदोलन करते नजर आएंगे।

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