Edited By vasudha,Updated: 04 Jul, 2018 02:32 PM
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता शीला दीक्षित ने दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के अधिकारों को लेकर उच्चतम न्यायालय के के फैसले का स्वागत किया है। इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सलाह दी है कि वह केंद्र के साथ...
नेशनल डेस्क: दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता शीला दीक्षित ने दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के अधिकारों को लेकर उच्चतम न्यायालय के के फैसले का स्वागत किया है। इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सलाह दी है कि वह केंद्र के साथ तालमेल बिठाकर जनहित के कार्यों पर अधिक ध्यान दें।
कांग्रेस के शासन में नहीं हुआ कभी टकराव
पंद्रह साल तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रही दीक्षित ने उच्चतम न्यायालय के निर्णय पर कहा कि मेरा मानना है कि उच्चतम न्यायालय ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। संविधान की धारा 239 (ए)के अनुसार दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है और अन्य राज्यों की तुलना में यहां बड़ा अंतर है। दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश है। यदि यहां दिल्ली के मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल मिलकर काम नहीं करेंगे तो इस तरह की दिक्कतें आयेंगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने दिल्ली में 15 साल तक शासन किया किंतु कभी भी टकराव की स्थिति नहीं बनी ।
SC का फैसला किसी पार्टी की जीत नहीं
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्चतम न्यायालय का फैसला सरकार और उपराज्यपाल के अधिकारों पर किसी की जीत अथवा किसी की हार नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि मुख्यमंत्री को लगता है कि यह फैसला उनकी जीत है, तो अब उन्हें काम करके दिखाना चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने उन्हीं बातों को दोहराया है जो संविधान में है। इसमें केजरीवाल अथवा आम आदमी पार्टी(आप) की जीत तब मानी जाती जब उन्हें जमीन और कानून व्यवस्था का भी अधिकार मिल जात। उन्होंने कहा कि न्यायालय ने ऐसा कोई अधिकार नहीं दिया है। लड़कर कुछ हासिल नहीं किया जा सकता, आपसी सहयोग से सब कुछ हासिल हो सकता है और तालमेल से ही काम करना होता है।