Edited By Anil dev,Updated: 15 Feb, 2020 10:21 AM
यह इत्तेफाक है या मालिक से पूर्व जन्म का कोई रिश्ता कि एक पालतू बंदर ने अपने पालक बुजुर्ग शिक्षक की मौत के बाद अपने प्राण त्याग दिए। यह घटना फतेहपुर जिले के किशनपुर कस्बे के पाखरतर मोहल्ले की है। बुजुर्ग शिक्षक शिवराज सिंह (75) की मौत बीमारी के चलते...
फतेहपुर: यह इत्तेफाक है या मालिक से पूर्व जन्म का कोई रिश्ता कि एक पालतू बंदर ने अपने पालक बुजुर्ग शिक्षक की मौत के बाद अपने प्राण त्याग दिए। यह घटना फतेहपुर जिले के किशनपुर कस्बे के पाखरतर मोहल्ले की है। बुजुर्ग शिक्षक शिवराज सिंह (75) की मौत बीमारी के चलते बुधवार शाम को हो गई। घर में परिजनों के रोने की आवाज सुन पालतू बंदर भी शव के पास पहुंच गया और शव के पास बैठे-बैठे ही उसकी भी मौत हो गई। शिक्षक और बंदर के शव को एक ही चिता में रखकर परिजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया।
मृत शिक्षक के भतीजे देवपाल ने बताया कि उनके चाचा ने इस बंदर को पाला था। उनके कोई औलाद नहीं थी, इसलिए बंदर को बेटे की तरह प्यार करते थे लेकिन कुछ साल पहले बीमार होने की वजह से बंदर की देखभाल न कर पाने के कारण उसे 3 साल पहले खागा कस्बे में छोड़ आए थे। बंदर 10 दिन पूर्व ही वापस उनके पास लौटा था। बुधवार की शाम चाचा की मौत पर पूरा परिवार गमगीन था। इसी बीच बंदर भी छत से उतर उनके शव के पास आकर बैठ गया और कुछ ही देर बाद उसकी भी मौत हो गई है। अब उसका तेरहवीं संस्कार भी चाचा की तेरहवीं के साथ किया जाएगा।