Edited By Seema Sharma,Updated: 07 Mar, 2019 03:55 PM
मद्रास हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि विवाहेतर संबंध खतरनाक सामाजिक बुराई बन गए हैं जो विभिन्न अपराधों में योगदान दे रहे हैं और केंद्र व तमिलनाडु सरकार से ऐसे मामलों के विवरण मांगे हैं
चेन्नई: मद्रास हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि विवाहेतर संबंध खतरनाक सामाजिक बुराई बन गए हैं जो विभिन्न अपराधों में योगदान दे रहे हैं और केंद्र व तमिलनाडु सरकार से ऐसे मामलों के विवरण मांगे हैं जो पिछले 10 सालों में दर्ज हुए। न्यायमूर्ति एन.किरुबाकरन और अब्दुल कुद्दूस की पीठ ने यहां 2017 में अवैध संबंधों की वजह से हत्या करने के एक आरोपी को हिरासत में रखे जाने के आदेश को खारिज करते हुए यह बातें कहीं।
पीठ ने कई सवाल भी उठाए जिसमें यह भी शामिल था कि क्या टेलीविजन धारावाहिक और सिनेमा विवाहेतर संबंधों में वृद्धि की एक बड़ी वजह हैं? पीठ ने कहा कि हत्या, हमले, अपहरण जैसे कई नृशंस अपराध गुप्त संबंधों के कारण किए जा रहे हैं और इनमें दिन-ब-दिन इजाफा होता जा रहा है। अदालत ने कहा कि अधिकतर हत्याएं या तो पति अथवा पत्नी द्वारा धोखा देने वाले साथी, प्रेमी और यहां तक कि बच्चों को खत्म करने के लिए की जा रही हैं। अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई जून के तीसरे हफ्ते में तय की है।