दस साल तक पीएम मोदी के निशाने पर रहा दक्षिण भारत, चुनावी जंग जीतने के लिए पांच राज्यों के किए 146 दौरे

Edited By Mahima,Updated: 04 May, 2024 09:41 AM

south india remained pm modi s target for ten years

भाजपा 2014 में सत्ता में आने के बाद दक्षिण भारत में खुद को मजबूत करने के लगातार प्रयास कर रही है। खासकर उत्तरी भारत के राज्यों के दम पर सत्ता हासिल करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोकस दक्षिणी राज्यों पर रहा है।

नेशनल डेस्क: भाजपा 2014 में सत्ता में आने के बाद दक्षिण भारत में खुद को मजबूत करने के लगातार प्रयास कर रही है। खासकर उत्तरी भारत के राज्यों के दम पर सत्ता हासिल करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोकस दक्षिणी राज्यों पर रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 के लोकसभा चुनावों के मुकाबले वर्ष 2024 में पीएम मोदी की दक्षिण के दौरों में बढ़ोतरी देखी गई है।

रिपोर्ट में प्रधानमंत्री कार्यालय (पी.एम.ओ.) की वेबसाइट पर उपलब्ध रिकॉर्ड का हवाला देते हुए कहा गया है कि मोदी ने 26 मई 2014 से 17 अप्रैल 2024 के बीच पांच दक्षिणी राज्यों आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तेलंगाना और तमिलनाडु की 146 यात्राएं की हैं। इनमें से एक तिहाई से अधिक यात्राएं पिछले तीन वर्षों में हुईं हैं। आंकड़ों के मुताबिक पीएम मोदी ने  2022 में दक्षिण के इन राज्यों में 13 यात्राएं की, जबकि 2023 यात्राओं की संख्या 23 और 23 अप्रैल 2024 तक यात्राओं की संख्या 17 थी। रिपोर्ट बताती है कि पीएम मोदी की दक्षिण भारत की यात्राओं में केंद्र की  भाजपा सरकार के पहले कार्यकाल के 14 फीसदी के मुकाबले  18 फीसदी बढ़ोतरी हुई है।

देशभर में किए 928 घरेलू दौरे
रिकॉर्ड बताते हैं कि मोदी ने अपने दस साल के कार्यकाल में 928 घरेलू दौरे किए हैं, जिनमें उनके पहले कार्यकाल (2014-19) में 520 और दूसरे (मई 2019 के बाद) 408 दौरे शामिल हैं। इनमें से प्रधानमंत्री ने सबसे अधिक 153 दौरे उत्तर प्रदेश के किए, उसके बाद गुजरात (87), महाराष्ट्र (61), एमपी (54), राजस्थान (49) और कर्नाटक के 45 दौरे किए।

कर्नाटक में सबसे अधिक यात्राएं 
रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री ने पिछले 10 वर्षों में दक्षिणी राज्यों में सबसे अधिक यात्राएं कर्नाटक में की। उसके बाद तमिलनाडु (39), केरल (25), तेलंगाना (22) और आंध्र (15) का स्थान रहा। जानकारों का कहना है कि पांच राज्यों में लोकसभा की 543 सीटों में से 129 सीटों के साथ, भाजपा इस क्षेत्र में पैठ बनाने का प्रयास कर रही है, हालांकि पार्टी के प्रयासों से कर्नाटक को छोड़कर अब तक ज्यादा चुनावी लाभ नहीं मिला है।

2019 के लोकसभा में भाजपा को आंध्र, केरल और तमिलनाडु में एक भी सीट नहीं मिली और इन तीनों राज्यों में पार्टी का वोट शेयर क्रमश: 0.97 फीसदी, 12 फीसदी और 3.6 फीसदी था। उसने कर्नाटक में 51 फीसदी वोट शेयर के साथ 25 सीटें और तेलंगाना में 19.65 फीसदी वोट शेयर के साथ चार सीटें जीतीं थी।

64 आधिकारिक और 56 गैर-आधिकारिक यात्राएं
रिकॉर्ड यह भी बताते हैं कि मोदी की दक्षिणी राज्यों की 146 यात्राओं में 64 आधिकारिक और 56 गैर-आधिकारिक यात्राएं (चुनावी रैलियां और पार्टी समारोह) शामिल थीं। कुल मिलाकर प्रधानमंत्री ने दक्षिणी राज्यों की अपनी 146 यात्राओं के दौरान 356 कार्यक्रमों में भाग लिया, जिनमें से अधिकतम 144 सार्वजनिक गैर-आधिकारिक बैठकें जैसी  थीं, जबकि 83 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास जैसे विकास संबंधी कार्यक्रम थे। अन्य राज्यों में मोदी ने पश्चिम बंगाल का 43 बार दौरा किया, उसके बाद बिहार (42), झारखंड (31), उत्तराखंड (30), असम (29), हरियाणा (26), छत्तीसगढ़ (24), जम्मू-कश्मीर (25), हिमाचल प्रदेश ( 20), ओडिशा (21), पंजाब (18), गोवा (12) और त्रिपुरा के 12 दौरे किए।

इन घरेलू यात्राओं के वर्ष-वार विश्लेषण से पता चलता है कि प्रधानमंत्री ने 2019 के आम चुनावों के दौरान सबसे अधिक 185 यात्राएं कीं। 185 यात्राओं में से पीएम मोदी ने 10 मार्च 2019 को लोकसभा चुनावों की घोषणा और 23 मई 2019 को वोटों की गिनती के बीच 100 यात्राएं की थी। इनमें तीन यात्राओं को छोड़कर सभी गैर-आधिकारिक थी।

कोविड में थम गई थी रफ्तार
कोविड के मद्देनजर 2020 के दौरान घरेलू यात्राओं की संख्या घटकर 23 हो गई, जो मई 2014 के बाद से एक कैलेंडर वर्ष में सबसे कम है। इसके इन यात्राओं की संख्या धीरे-धीरे बढ़कर 2021 में 61, 2022 में 98 और 2023 में 108 हो गई, जो कि दूसरी सबसे अधिक है। पिछले नौ साल. 2024 में प्रधानमंत्री ने 17 अप्रैल तक 82 घरेलू दौरे किए। कुल मिलाकर प्रधानमंत्री की 928 घरेलू यात्राओं में से 460 आधिकारिक, 382 गैर-आधिकारिक और 86 आधिकारिक/गैर-आधिकारिक थीं। ये यात्राएं 696 दिनों में हुईं, क्योंकि उन्होंने कई अवसरों पर एक ही दिन में एक से अधिक राज्यों की यात्रा की।

मौजूदा लोकसभा चुनाव में तमिलनाडु में 19 अप्रैल को पहले चरण में मतदान हो चुका है। केरल में 26 अप्रैल को दूसरे चरण में मतदान समाप्त हो गया है जबकि तेलंगाना और आंध्र में 13 मई को चौथे चरण में मतदान होगा। कर्नाटक में 26 अप्रैल के बाद 7 मई को चुनाव पूर्ण होगा।

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