Edited By Anil dev,Updated: 14 Jan, 2019 04:42 PM
बहुजन समाज पार्टी व समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश के लिए चुनावी समझौते का ऐलान कर दिया है। दोनों पार्टियां 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। हालांकि यह समझौता किन सीटों के लिए होगा इसका खुलासा नहीं किया गया है लेकिन माना जा रहा है कि समझौते के तहत...
नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी व समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश के लिए चुनावी समझौते का ऐलान कर दिया है। दोनों पार्टियां 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। हालांकि यह समझौता किन सीटों के लिए होगा इसका खुलासा नहीं किया गया है लेकिन माना जा रहा है कि समझौते के तहत बसपा के प्रभाव वाली सीटों पर सपा उम्मीदवार नहीं उतारेगी और सपा के प्रभाव वाली सीटों पर बसपा के उम्मीदवार नहीं होंगे।
इन सीटों पर तीसरा व चौथा नंबर पर सपा से आगे
लखनऊ |
6.23 (थर्ड) |
कानपुर |
6.37 (थर्ड) |
खुशीनगर |
13.98 (थर्ड) |
गाजियाबाद |
12.89 (थर्ड) |
वाराणसी |
5.88 (फोर्थ) |
कांग्रेस इस समझौते का हिस्सा नहीं है लिहाजा उसकी रणनीति को लेकर फिलहाल कयासों का दौर जारी है। यदि मुस्लिम वोटरों ने अखिल भारतीय स्तर पर कांग्रेस को भाजपा के मुकाबले टक्कर में माना और मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण कांग्रेस के पक्ष में हुआ तो इसका गठबंधन को नुक्सान भी हो सकता है और कांग्रेस 2009 जैसे चुनावी नतीजे भी दे सकती है। 2009 में कांग्रेस उत्तर प्रदेश की 21 सीटों पर चुनाव जीत गई थी। 2014 के नतीजों के आधार पर यह जानने की कोशिश करते हैं कि सपा व बसपा किन-किन सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं। 2014 में बसपा इन सीटों पर दूसरे नंबर पर रही।
इन पांच सीटों पर जीती थी सपा
इन सीटों पर दूसरे नंबर पर रहने के अलावा सपा ने 2014 के चुनाव के दौरान फिरोजाबाद, मैनपुरी, बदायूं, कन्नौज व आजमगढ़ की सीटों पर चुनाव जीता था। ये सीटें सपा के खाते में ही जाएंगी और इन पर बसपा उम्मीदवार नहीं उतारेगी।